भारतीय रेलवे में गड़बड़ी का एक और मामला सामने आया है। ये मामला राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का है। जहां अवैध रूप से तैयार पानी की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है। बता दे इस पानी को वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन से उतारा गया है। जिस पानी की खेप पकड़ी गई है उसमें तीन अलग – अलग लोकल ब्रांड है। जानकारी के लिए बता दे रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में रेल नीर का पानी को ही बेचने की परमिशन है। लेकिन रेल नीर के पानी में ठेकेदारों का कमीशन कम बनता है, इसलिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए ठेकेदार रेलवे स्टेशनों पर अवैध तरीके से लोकल ब्रांड का पानी बेचते है।
बता दे रेलवे के द्वारा तय नियम के अनुसार ट्रेनों में और रेलवे परिसर में रेल नीर का पानी बेचना ही अनिवार्य है। रेलवे के रेल नीर पानी की कीमत 15 रुपये है। लेकिन किसी ट्रेन में पैंट्रीकार वाले को रेल नीर का पानी बेचने पर सिर्फ तीन रुपए ही बचते है।
बता दे शुक्रवार का अचानक ही वैशाली एक्सप्रेस की जांच की गई। जिसमें जांच के दौरान “दिल्ली मंडल के सीनियर डीसीएम की ओर से बनाए गए, विशेष दस्ते में शामिल टीटी रमेश कुमार व सतीश सिंह ने लगभग 100 पेटी अवैध पानी पकड़ा।” पकड़ी गयी अवैध पेटियों में लगभग 1200 बोतल निकली है। ये सभी बोतलें लोकल ब्रांड की है। लेकिन फिर भी इन बोतलों पर 18 व 20 रुपये एमआरपी दी गयी है। सूत्रों के अनुसार “इस अवैध पानी को बेचने पर ठेकेदारों को 10 से 12 रुपये बचते हैं।” मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में ठेकेदार सभी रेलयात्रियों के स्वास्थ से न सिर्फ खिलवाड़ कर रहे है, बल्कि रेलवे के द्वारा बनाये गए नियम का भी चूना लगा रहे है। वैसे रेलवे में इस तरह से पानी की गड़बड़ी आना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी पानी को लेकर कई गड़बड़ी सामने आ चुकी है।