Feeding Pigeons is Dangerous: पशु-पक्षियों को खाना खिलाना आजकल एक आम गतिविधि बन चुकी है, और लोग इसे पुण्य का काम मानते हैं। लोग विभिन्न स्थानों पर कबूतरों को दाने खिलाते हुए नजर आते हैं, खासकर पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर। यह व्यवहार न केवल उनका मन शांत करता है, बल्कि उन्हें लगता है कि वे एक अच्छा कार्य कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कबूतरों की बीट आपकी सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है? यह एक बड़ा स्वास्थ्य जोखिम बन सकता है, जो आपके श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
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कबूतर की बीट में छिपा खतरनाक बैक्टीरिया- Feeding Pigeons is Dangerous
कबूतर की बीट में क्लामाइडिया सिटिकाई नामक बैक्टीरिया होता है, जो हवा के जरिए मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है। जब यह बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंचता है, तो यह एक गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है, जिसे सिटिकोसिस कहा जाता है। इस संक्रमण में व्यक्ति को खांसी, बुखार, और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हाल के समय में इस समस्या से प्रभावित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो रहे हैं।
फंगी और पैरासाइट्स का खतरा
कबूतर की बीट में सिर्फ बैक्टीरिया ही नहीं, बल्कि फंगी और पैरासाइट्स भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। कबूतरों की बीट में एक खतरनाक फंगी पाया जाता है, जिसका नाम है हिस्टोप्लाज्मा कैप्सूलटम। यह फंगी विशेष रूप से कबूतरों की बीट में होता है, और जब यह सूखा होता है तो यह वायुजनित (एयरबोर्न) हो जाता है। इसके संपर्क में आने से व्यक्ति को हिस्टोप्लास्मोसिस नामक श्वसन संक्रमण हो सकता है। यह बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है और हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर गंभीर श्वसन समस्याओं को जन्म दे सकती है।
कबूतर की बीट से होने वाली एलर्जी और जलन
कबूतर के मल, पंख, और अन्य अवशेषों से एलर्जी हो सकती है, जो सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं। यह एलर्जी अस्थमा अटैक, एलर्जिक राइनाइटिस (हे फीवर), और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। खासकर वे लोग जो पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं, जैसे कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), उनके लिए यह खतरा और भी बढ़ सकता है। कबूतर के सूखे अवशेषों को सांस में लेना रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में जलन पैदा कर सकता है, जिससे खांसी, घरघराहट, और सीने में जकड़न हो सकती है।
स्वास्थ्य को बचाने के लिए जरूरी सावधानियां
कबूतरों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनाना आवश्यक है। खासकर उन जगहों पर जहां कबूतरों का जमावड़ा अधिक होता है, वहां पर इन सावधानियों का पालन करना बहुत जरूरी है:
- कबूतर की बीट से बचें – कबूतरों की बीट को छूने से बचें। अगर आपको इसे साफ करना है, तो दस्ताने और मास्क पहनें ताकि संक्रमण से बच सकें।
- साफ-सफाई रखें – अपने घर, ऑफिस और आसपास के इलाकों को साफ रखें। कबूतरों के मल को सही तरीके से हटा दें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।
- हवा का सही प्रवाह सुनिश्चित करें – इनडोर स्थानों में हवा का ठीक से प्रवाह बनाए रखें ताकि एयरबोर्न कण इकठ्ठा न हो सकें।
- कबूतरों को भगाने के उपाय – यदि आपके घर या आसपास कबूतरों का डेरा है, तो उन्हें भगाने के लिए निवारक उपायों का उपयोग करें, या फिर किसी पेशेवर से मदद लें।
- डॉक्टर से सलाह लें – अगर आपको लगता है कि आप कबूतर की बीट से प्रभावित हुए हैं या आपको श्वसन संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखें – यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि कबूतर की बीट से जुड़ी समस्याओं का खतरा व्यक्ति की पूरी स्वास्थ्य स्थिति, श्वसन संबंधी बीमारियों की पूर्व स्थिति और संक्रमण के संपर्क में आने की संभावना पर निर्भर करता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रदान की गई है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य या अन्य पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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