Health Tips: क्या आपने कभी गौर किया है कि अलार्म बजने से पहले ही आंख खुल जाती है — न कोई आवाज़, न कोई हलचल, बस अचानक दिमाग का बेचैन हो उठना। अगर ऐसा बार-बार होता है, तो इसे इग्नोर करना गलती हो सकती है। नींद के बीच अचानक जागना सिर्फ थकान या बुरे सपने का नतीजा नहीं होता, बल्कि आपका शरीर शायद आपको कोई अहम संदेश देने की कोशिश कर रहा है।
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आपकी बॉडी क्लॉक क्या कहती है? Health Tips
रात के करीब 3:30 या 3:47 बजे अचानक आंख खुलना भले संयोग लगे, लेकिन ऐसा अक्सर एक खास वजह से होता है। दरअसल, हमारे शरीर में एक बेहद सटीक 24 घंटे की बायोलॉजिकल क्लॉक होती है, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है। यह सिस्टम हमारे सोने-जागने के पैटर्न, हार्मोन रिलीज और शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।
रात 2 से 5 बजे के बीच यह चक्र बहुत संवेदनशील होता है। इसी समय कोर्टिसोल हार्मोन (जो हमें जगाने में मदद करता है) धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। लेकिन जब तनाव बढ़ जाता है, तो यह हार्मोन अचानक सक्रिय हो जाता है और आपको झटका देकर नींद से बाहर निकाल देता है।
तनाव: नींद का सबसे बड़ा दुश्मन
लगातार तनाव या बेचैनी सिर्फ आपके मूड को नहीं बिगाड़ती, बल्कि नींद के पूरे ढांचे को हिला देती है। सामान्यतः शरीर गहरी नींद के अलग-अलग चरणों से गुजरता है, लेकिन तनाव के कारण दिमाग “हाई अलर्ट मोड” में चला जाता है।
इसका असर सबसे ज्यादा REM नींद पर होता है यही वह स्टेज है जब हमारा दिमाग सपनों, यादों और भावनाओं को प्रोसेस करता है। यही वजह है कि तनावग्रस्त लोग अक्सर सुबह 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं और उन्हें यह पल साफ-साफ याद भी रहता है।
आपका नींद पैटर्न आपके व्यक्तित्व से जुड़ा है
अगर आप रोज़ 3 से 5 बजे के बीच उठते हैं, तो यह आपके क्रोनोटाइप यानी प्राकृतिक नींद-जागने की घड़ी का संकेत हो सकता है।
कुछ लोग सूरज के साथ उठने के लिए बने होते हैं (मॉर्निंग टाइप), जबकि कुछ लोग देर रात तक सक्रिय रहते हैं (नाइट आउल्स)। लेकिन हमारी 9 से 5 की दिनचर्या अक्सर इन प्राकृतिक लयों से टकरा जाती है इसे ही विशेषज्ञ “सोशल जेट लैग” कहते हैं।
खासकर रात में काम करने वालों के लिए जबरन सुबह उठना शरीर के लिए तनाव और असंतुलन की वजह बन सकता है।
कैसे करें इस स्थिति पर काबू?
अगर रोज़ सुबह जल्दी नींद खुल रही है, तो इसका हल छोटे बदलावों में छिपा है —
- अपनी नींद का पैटर्न डायरी या ऐप में रिकॉर्ड करें।
- सोने से पहले स्क्रीन टाइम घटाएं, ताकि बॉडी क्लॉक भ्रमित न हो।
- रात में कैफीन और शराब से दूरी बनाएं — ये REM नींद को बिगाड़ते हैं।
- दिनभर के तनाव को मैनेज करें — गहरी सांस, टहलना या जर्नल लिखना मददगार है।
- अपने क्रोनोटाइप के अनुसार दिनचर्या बनाएं, ताकि शरीर अपने नैचुरल पैटर्न में काम कर सके।
आख़िरकार… शरीर हमेशा संकेत देता है
अगर आप लगातार सुबह 3 से 5 बजे के बीच उठ रहे हैं, तो यह सिर्फ नींद का मामला नहीं है। यह आपके शरीर का तरीका है यह बताने का कि कहीं कुछ ठीक नहीं चल रहा।
तनाव, असंतुलित रूटीन या नींद का दबाव — कोई न कोई कारण जरूर होता है। इन संकेतों को समझना और समय रहते सुधारना ही बेहतर नींद और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी है।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न शोधों और नींद विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी नई आदत या उपचार को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या स्लीप एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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