The Silent Salt Epidemic: भारत में अत्यधिक नमक का सेवन ‘साइलेंट सॉल्ट महामारी’ फैला रहा है, जिससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (NIE) के वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता व्यक्त की है। तो चलिए आपको इस लेख में साइलेंट सॉल्ट महामारी (Silent Salt Epidemic) के खतरे और बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं.
साइलेंट सॉल्ट महामारी क्या है?
साइलेंट सॉल्ट (Silent Salt) महामारी का अर्थ है कि अत्यधिक नमक का सेवन धीरे-धीरे और चुपचाप लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा रहा है, जिसके लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते। यह एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे लोगों को गंभीर बीमारियों की ओर धकेल रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करने की सलाह देता है। हालाँकि, भारत में नमक की औसत खपत WHO के मानक से कहीं अधिक है.
उदाहरण के लिए, प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत 9.2 ग्राम है। ग्रामीण क्षेत्रों में, प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत 5.6 ग्राम है। यह खपत, खासकर शहरी क्षेत्रों में, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश से लगभग दोगुनी है।
अधिक नमक से होने वाले रोग
अत्यधिक नमक के सेवन से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे उच्च रक्तचाप (High blood pressure) – यह सबसे आम और खतरनाक परिणाम है। अधिक नमक शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ा देता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है और रक्तचाप बढ़ जाता है।
हृदय रोग (Heart disease) – उच्च रक्तचाप सीधे तौर पर हार्ट (Heart) रोगों से जुड़ा है। इससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और दिल का दौरा, स्ट्रोक और हृदय गति रुकने का खतरा बढ़ सकता है। दूसरी और स्ट्रोक (Stroke) – उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है।
गुर्दे की समस्याएं (Kidney problems)
वही गुर्दों को शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करना होता है। अधिक नमक खाने से गुर्दों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिससे गुर्दे की पथरी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। पेट का कैंसर (colon cancer) – कुछ अध्ययनों से पता चला है कि अधिक नमक का सेवन पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
सूजन: अधिक नमक शरीर में पानी जमा कर देता है, जिससे सूजन हो सकती है। अधिक नमक के सेवन से भी बार-बार सिरदर्द हो सकता है। ज़्यादा नमक नींद के पैटर्न को भी प्रभावित कर सकता है। इसके अलवा पाचन संबंधी समस्याएं और वज़न बढ़ना ये भी ज़्यादा नमक के सेवन से जुड़ी समस्याएं हैं।
नमक का सेवन कम करने के उपाय
ICMR-NIE ने इस समस्या से निपटने के लिए जागरूकता अभियान और समुदाय-आधारित अध्ययन शुरू किए हैं। नमक का सेवन कम करने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाए जा सकते हैं। प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से बचें: चिप्स, नमकीन, प्रोसेस्ड मीट, रेडी-टू-ईट मील और पैकेज्ड सॉस में अक्सर बहुत ज़्यादा नमक होता है। अपने सेवन को कम करें।
अपने आहार में ताज़े फल और सब्ज़ियाँ शामिल करें, क्योंकि इनमें प्राकृतिक रूप से सोडियम कम होता है। बाहर खाने की तुलना में घर के बने खाने में नमक के सेवन को नियंत्रित करना आसान होता है।
कम सोडियम वाले नमक का इस्तेमाल करें
कम सोडियम वाले नमक के विकल्प (जिनमें सोडियम क्लोराइड की बजाय पोटेशियम या मैग्नीशियम लवण होते हैं) का इस्तेमाल करें, खासकर उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए। खाने के लेबल पर सोडियम की मात्रा देखें और कम सोडियम वाले विकल्प चुनें। नमक एक साथ कम करने के बजाय, स्वाद की आदतों को बदलने के लिए इसे धीरे-धीरे कम करें खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक की जगह जड़ी-बूटियों, मसालों और नींबू का प्रयोग करें।
यह ‘खामोश नमक महामारी’ भारत के लिए एक बड़ी जन स्वास्थ्य चुनौती है, जिससे निपटने के लिए जागरूकता और आहार संबंधी आदतों में बदलाव की आवश्यकता है।