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Side effects of aluminium utensils: एलुमिनियम के बर्तन में खाना पकाने के नुकसान, जानें सेहत के लिए क्यों है खतरनाक?

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Side effects of aluminium utensils: एलुमिनियम के बर्तन में खाना पकाने के नुकसान, जानें सेहत के लिए क्यों है खतरनाक?
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Side effects of aluminium utensils: हर कोई चाहता है कि वह हमेशा स्वस्थ और फिट रहे। इसके लिए लोग योग, एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट को अपनाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन भी आपकी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं?

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बर्तन की गुणवत्ता और धातु का चुनाव उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि भोजन में पोषक तत्वों का संतुलन। भारतीय रसोई में एलुमिनियम, स्टेनलेस स्टील, तांबा, लोहा और टेफलॉन जैसे बर्तनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन एलुमिनियम के बर्तनों में पकाया गया भोजन आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

एलुमिनियम के बर्तन क्यों हैं नुकसानदायक?

पोषण विशेषज्ञ गुड़िया श्रीवास्तव के अनुसार, एलुमिनियम बहुत जल्दी गर्म होता है, जिसके कारण इसमें मौजूद हानिकारक तत्व खाने के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं। यह शरीर में कई खतरनाक बीमारियों को जन्म दे सकता है।

Side effects of aluminium utensils health issues
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एलुमिनियम के बर्तन में खाना बनाने से इसके कण भोजन में मिल जाते हैं, जिससे यह धीरे-धीरे शरीर में जमा होने लगता है और सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

एलुमिनियम के बर्तनों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम- Side effects of aluminium utensils

पेट की समस्याएं और पाचन तंत्र पर असर

अगर आप एलुमिनियम के बर्तन में खाना पकाते हैं, तो इसके सूक्ष्म कण भोजन के साथ मिलकर शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। यह हाइपर एसिडिटी, अपच, पेट फूलने और गैस जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

खट्टी चीजें पकाने से सेहत पर असर

एलुमिनियम के बर्तनों में टमाटर, नींबू, दही या अन्य खट्टी चीजें पकाने से यह तेजी से आयोनाइज होने लगता है, जिससे हानिकारक तत्व खाने में मिल जाते हैं। यह आंतों के संक्रमण और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

दिमाग और याददाश्त पर बुरा प्रभाव

शोध बताते हैं कि एलुमिनियम का अधिक सेवन मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यह याददाश्त को कमजोर कर सकता है और दिमागी कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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एलुमिनियम ऑक्सीडेटिव फ्री रेडिकल की तरह काम करता है, जो धीरे-धीरे शरीर में विषाक्तता (टॉक्सिन) फैलाता है।

लंबे समय तक एलुमिनियम के संपर्क में रहने से अल्जाइमर और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।लिवर और किडनी पर असर

यदि शरीर में एलुमिनियम की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह लिवर और किडनी के फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

लिवर एंजाइम असंतुलित हो सकते हैं, जिससे पाचन क्रिया कमजोर होती है।

किडनी में टॉक्सिन्स बढ़ सकते हैं, जिससे किडनी फेल होने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।

बीमारियां जो एलुमिनियम के कारण हो सकती हैं

अगर लंबे समय तक एलुमिनियम युक्त भोजन का सेवन किया जाए, तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है:

अस्थि रोग (ऑस्टियोपोरोसिस) – हड्डियों की मजबूती कम होती है।
आंखों की समस्याएं – दृष्टि कमजोर हो सकती है।
खट्टी डकार और पेट में जलन – एसिडिटी बढ़ सकती है।
कोलाइटिस (आंत का संक्रमण) – पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है।
–  मुंह में बार-बार सूजन और त्वचा रोग (एक्जिमा)

क्या एलुमिनियम के बर्तन पूरी तरह से छोड़ने चाहिए?

विशेषज्ञों के अनुसार, एलुमिनियम के बर्तनों का उपयोग पूरी तरह से टालना चाहिए, खासकर खाना पकाने के लिए। यदि आप एलुमिनियम के बर्तनों का उपयोग कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि खट्टी चीजें इसमें न पकाई जाएं और बर्तन को सॉफ्ट स्पंज से धोया जाए ताकि उसकी परत न हटे।

कौन से बर्तन ज्यादा सुरक्षित हैं?

यदि आप एलुमिनियम के बर्तनों से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विकल्प बेहतर और सुरक्षित हैं:

– कांसा और पीतल के बर्तन – यह पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
– कच्चे लोहे के बर्तन – यह खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं।
– स्टेनलेस स्टील के बर्तन – यह टॉक्सिन्स मुक्त होते हैं और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
– मिट्टी के बर्तन – यह भोजन के पोषक तत्वों को बरकरार रखते हैं और पाचन में सहायक होते हैं।

डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेड्रिक इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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