Food Combination: आयुर्वेद, भारतीय चिकित्सा की एक प्राचीन प्रणाली है, जो हमारे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए भोजन के महत्व पर जोर देती है। आयुर्वेद (Ayurveda) न केवल इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि क्या खाना चाहिए, बल्कि इस बात पर भी ध्यान देता है कि किसे के साथ क्या साथ में खाना चाहिए। कुछ खाद्य संयोजनों को ‘विरुद्ध आहार’ माना जाता है, जिसका अर्थ है असंगत खाद्य संयोजन, और माना जाता है कि वे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। तो चलिए आपको इस लेख में ऐसे फ़ूड कॉम्बिनेशन (Food Combination) के बारे में बताते है जिन्हें खाने से बचने की सलाह दी जाती है।
जानिए आयुर्वेद कौनसे फ़ूड कॉम्बिनेशन को नहीं खाना
- दूध और फल (Fruits and Milk) – दूध ठंडा और भारी होता है, जबकि फल अम्लीय होते हैं। इन्हें एक साथ खाने से पाचन धीमा हो सकता है और शरीर में विषाक्त पदार्थ बन सकते हैं। केले को छोड़कर, ज़्यादातर फलों को दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।
- शहद के साथ गर्म पानी या दूध (Warm water or milk with honey) – आयुर्वेद के अनुसार, जब शहद को गर्म किया जाता है, तो वह विषैला हो सकता है। इसलिए, इसे कभी भी गर्म पानी या गर्म दूध के साथ नहीं मिलाना चाहिए।
- घी और शहद (Honey and Ghee)- घी की तासीर ठंडी होती है जबकि शहद की गर्म। इन्हें समान मात्रा में मिलाने से शरीर में नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। हालांकि, असमान मात्रा में इनका सेवन किया जा सकता है।
- दूध के साथ मछली या चिकन – दूध और मछली या चिकन की प्रकृति अलग-अलग होती है। दूध ठंडा होता है, जबकि मछली और चिकन गर्म होते हैं। इनका एक साथ सेवन पाचन को बिगाड़ सकता है और त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
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दही के साथ मांसाहारी भोजन
आयुर्वेद के अनुसार दही के साथ मांस या मछली खाना विरुद्ध आहार की श्रेणी में आता है। यह संयोजन स्वास्थ्य के लिए खराब माना जाता है और कई उभरते उत्पाद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है और यह जल्दी पच जाता है, जबकि दूध और दही भारी होते हैं। इनका संयोजन पाचन में बाधा डाल सकता है। वहीं खट्टे फल और दही का संयोजन एसिडिटी बढ़ा सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। साथ ही उड़द की दाल और दही: इनका एक साथ सेवन भी पाचन के लिए भारी माना जाता है और इससे शरीर में विषाक्त पदार्थ बन सकते हैं।