Herbs beneficial for the kidneys: आज के समय मे लोगों का खान-पान इतना ख़राब हो चूका है कि हर किसी को किडनी से जुड़ी बीमारी हो रही है। लोग इसके लिए लोग कई तरह के उपचार करते है। लेकिन आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में कई प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने और गुर्दे की विफलता के जोखिम को कम करने के लिए उपयोगी माना जाता है। हालांकि, किसी भी हर्बल दवा को शुरू करने से पहले किसी योग्य चिकित्सक या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद ज़रूरी है। तो चलिए आपको इस लेख में किडनी को ठीक रखने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
जड़ी-बूटियाँ जो किडनी के लिए फायदेमंद
पुनर्नवा – इसे गुर्दे के लिए एक उत्कृष्ट कायाकल्पक माना जाता है। इसमें मूत्रवर्धक और सूजनरोधी गुण होते हैं, जो मूत्र प्रवाह को बढ़ाकर शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे किडनी पर दबाव कम होता है।
गोक्षुरा – माना जाता है कि यह मूत्र मार्ग के संक्रमण और गुर्दे की पथरी को रोकने में मददगार है। यह पेशाब के दौरान जलन को कम करने और गुर्दे के निस्पंदन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
वरुण – यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक जड़ी-बूटी भी है। जो कि मुख्य रूप से गुर्दे की पथरी को तोड़ने और बाहर निकालने में मदद करने के लिए जानी जाती है। वही तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो किडनी को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद कर सकते हैं। यह किडनी स्टोन बनने के खतरे को रोकने में भी मददगार हो सकता है।
हल्दी में सक्रिय यौगिक करक्यूमिन होता है, जिसमें शक्तिशाली सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह सूजन को कम करने और किडनी को सुरक्षा प्रदान करने में मददगार हो सकता है। वही गिलोय भी किडनी के लिए फायदेमंद होती है इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसे किडनी रोगों के इलाज में फायदेमंद माना जाता है।
किडनी के स्वास्थ्य के लिए सामान्य सुझाव
इन जड़ी-बूटियों के अलावा, किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है…जैसे पर्याप्त पानी पिएं खुद को हाइड्रेटेड रखना किडनी के लिए ज़रूरी है। पर्याप्त पानी पीने से किडनी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बेहतर काम करती है।
वही संतुलित खाना खाए ज़्यादा नमक, कम चीनी और प्रोसेस्ड फ़ूड वाले खाद्य पदार्थों से बचें। अपने आहार में फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल करें।
रक्तचाप और शर्करा के स्तर को नियंत्रित करें: उच्च रक्तचाप और अनियंत्रित मधुमेह गुर्दे की विफलता के मुख्य कारण हैं। इन्हें नियंत्रण में रखना अत्यंत आवश्यक है।
आपको बता दें, यदि आपको किडनी की बीमारी के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करे। क्योंकि प्राकृतिक उपचार केवल लाभकारी हो सकते हैं और इन्हें एलोपैथिक या अन्य चिकित्सा उपचारों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।