Sleeping nightmares: अकसर आप ने लोगो से सुना होगा की उन्हें सोते समय बार बार बुरे सपने आतें है लेकिन एक नए अध्ययन के अनुसार, बार-बार बुरे सपने आना वास्तव में शरीर की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और असमय मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह चौंकाने वाला शोध बताता है कि बुरे सपने सिर्फ एक परेशानी नहीं हैं, बल्कि उनका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव हो सकता है। तो चलिए आपको इस लेख में विस्तार बताते है कि क्या करने से आप भी बुरे सपने देखने से बच सकते है।
वैज्ञानिकों ने बताया सटीक कारण
यू.के. (United Kingdom) में साइंटिस्ट द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन में लगभग दो दशकों तक 1,85,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि जिन वयस्कों को सप्ताह में कम से कम एक बार बुरे सपने आते हैं, उनमें 70 वर्ष की आयु से पहले मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक थी, जिन्हें शायद ही कभी बुरे सपने आते हों।
तनाव प्रतिक्रिया और कोर्टिसोल – Stress Response and Cortisol
वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा सोया हुआ मस्तिष्क सपनों और वास्तविकता के बीच अंतर नहीं कर सकता है। जब हमें कोई बुरा सपना आता है, तो हमारा शरीर उसी तरह प्रतिक्रिया करता है जैसे कि हम वास्तव में किसी खतरे का सामना कर रहे हों। यह “लड़ाई-या-भागने” प्रणाली को सक्रिय करता है, जिससे दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है, सांस फूलने लगती है और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। बार-बार बुरे सपने आने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो सेलुलर स्तर पर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज़ कर देता है।
सेलुलर एजिंग (Cellular Aging) और टेलोमेरेस (Telomeres)
वैज्ञानिकों (Scientist) और शोधकर्ताओं (Reaserchers) ने पाया कि जिन बच्चों और वयस्कों को अक्सर बुरे सपने आते थे, उनमें सेलुलर उम्र बढ़ने के लक्षण तेजी से दिखाई देते थे। उन्होंने टेलोमेरेस (Telomeres) की लंबाई मापी, जो गुणसूत्रों के सिरों पर मौजूद सुरक्षात्मक संरचनाएं हैं और उम्र के साथ छोटी होती जाती हैं। जिन लोगों को साप्ताहिक बुरे सपने आते थे, उनके टेलोमेरेस उन लोगों की तुलना में काफी छोटे थे, जिन्हें शायद ही कभी बुरे सपने आते थे। यह दर्शाता है कि उनकी जैविक घड़ी तेजी से चल रही थी।
वही बुरे सपने अक्सर नींद में खलल डालते हैं, जिससे व्यक्ति अचानक जाग जाता है। यह नींद की गुणवत्ता और अवधि को प्रभावित करता है। बाधित नींद शरीर की रात भर चलने वाली कोशिका पुनर्स्थापन (cellular restoration) और मरम्मत (repair) क्षमता को बाधित करती है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करने में योगदान करती है। इसके अलवा आपको बता दें, यह अध्ययन (Research) बताता है कि बुरे सपने, धूम्रपान, मोटापा, खराब आहार और कम शारीरिक गतिविधि जैसे अन्य ज्ञात जोखिम कारकों की तुलना में असमय मृत्यु का एक मजबूत भविष्यवक्ता हो सकते हैं।
क्या बुरे सपनों को रोका जा सकता है?
- आपको बता दें कि शोधकर्ताओं के अनुसार बुरे सपनों को रोका जा सकता है और उनका इलाज किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप तनाव को कम कर सकते हैं। तनाव बुरे सपनों का एक प्रमुख कारण है। तनाव को कम करने के तरीके खोजना, जैसे कि योग, ध्यान या आराम करने वाली गतिविधियाँ, मददगार हो सकती हैं।
- यदि आप नियमित नींद का पैटर्न अपनाते हैं, तो यह बहुत ही आरामदायक दिनचर्या होगी और एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सोने से पहले हॉरर फिल्म देखने से बचें, यह बहुत फायदेमंद हो सकता है।
- यदि बुरे सपने किसी अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य समस्या, जैसे कि चिंता या अवसाद से जुड़े हैं, तो उनका इलाज करवाना महत्वपूर्ण है।
- यदि बुरे सपने बहुत परेशान करने वाले हैं और आपकी नींद या जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं, तो नींद विशेषज्ञ या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है।