ये हैं दिल्ली के 7 सबसे ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुरुद्वारे

Top 7 Gurudwaras in Delhi
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Top 7 Gurudwaras in Delhi in Hindi – भारत की राजधानी दिल्ली में कई सारी चीजों के लिए मशहूर है साथ ही यहां पर कई सारी प्रमुख और प्रसिद्ध चीजें हैं जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के केंद्र हैं. वहीं इन ऐतिहासिक और प्रसिद्ध वाली इमारतों में गुरुद्वारे भी है. जो  सिख समुदाय के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको दिल्ली के सात ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुरुद्वारे के बारे में बताया जा रहे हैं.

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Bangla Sahib Gurudwara – Top 7 Gurudwaras in Delhi

bangla sahib gurudwara
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दिल्ली के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुरुद्वारे की लिस्ट में पहला नाम बंगला साहिब गुरुद्वारा का है. बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के कनॉट प्लेस में है. इस गुरुद्वारे को यह गुरु हर कृष्ण जी के द्वारा स्थापित किया गया था और इसका निर्माण 1783 में सिख जनरल सरदार भगेल सिंह ने किया था. यह राजा जय सिंह का बंगला हुआ करता था. वह 17वीं शताब्दी में एक शासक था. सिखों के बाहरी धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, वहीँ इस गुरुद्वारे में हजारो लोग आते हैं और यहाँ पर अरदास करते हैं.

रकाबगंज साहिब गुरुद्वारा – Rakab Ganj Sahib Gurudwara

Rakabganj Sahib Gurdwara, Top 7 Gurudwaras in Delhi
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इसी के साथ दिल्ली के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुरुद्वारे की लिस्ट में दूसरा नाम रकाबगंज साहिब गुरुद्वारा का है. यह गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी की याद में स्थापित किया गया है, जो सिखों के नौवें गुरु थे. गुरुद्वारा रकाबगंज का निर्माण सन 1783 में हुआ था. इस गुरुद्वारे को तैयार करने में कुल 12 वर्षों का समय लगा था. इस गुरुद्वारे को बनवाने की इजाजत उस वक्त के मुगल शासक शाह आलम द्वितीय ने दी थी. इसी गुरुद्वारे में सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार भी हुआ था.

शीशगंज गुरुद्वारा – Sis Ganj Sahib Gurudwara

Sisganj Gurudwara
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वहीँ तीसरा गुरुद्वारा सिसगंज गुरुद्वारा है. यह गुरुद्वारा दिल्ली के प्रसिद्ध पुराने सब्जी मंडी क्षेत्र में स्थित है. इसे गुरु तेग बहादुर जी की याद में स्थापित किया गया है. कहा जाता है कि 1675 में दिल्ली में गुरु तेग बहादुर का इस्लाम को अपनाने से इनकार करने के लिए मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर सिर काटकर उनकी हत्या कर दी गई थी. जहां गुरु तेग बहादुर जी ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, उस जगह गुरुद्वारा शीशगंज साहिब (Gurdwara Sis Ganj Sahib) बनाया गया.

बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरुद्वारा – Baba Banda Singh Bahadur

Banda Singh Bahadur Gurdwara, Top 7 Gurudwaras in Delhi
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वहीँ चौथा गुरुवारा बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरुद्वारा है जो कि कुतुब मीनार के पास महरौली में स्थित है. 1719 में मुगलों ने बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके बेटों समेत 40 अन्य सिखों को असहनीय तरीके से मौत के घाट उतार दिया था. उनकी वीरता और शहादत की याद में गुरुद्वारा बनाया गया, जिसका नाम सिख शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर के नाम पर है.

Mata Sundri Ji Gurudwara – Top 7 Gurudwaras in Delhi

Gurdwara Mata Sundari
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वहीं इस लिस्ट में गुरुद्वारा माता सुंदरी का नाम भी शामिल है. गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी के नाम पर, गुरुद्वारा माता सुंदरी वह स्थान है जहां माता सुंदरी जी ने 1747 में अंतिम सांस ली थी. उन्होंने 40 वर्षों तक अपने अनुयायियों की देखभाल की. माता सुंदरी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गुरुद्वारा बाला साहिब जी में किया गया था.

गुरुद्वारा बाला साहिब – Bala Sahib Gurudwara

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यह प्रतिष्ठित गुरुद्वारा माता सुंदरी और सिखों के 8वें गुरु, गुरु हरकृष्ण सिंह जी का क्रीमेशन ग्राउंड है. कहा जाता है कि उनके उपचार स्पर्श ने लोगों को दिल्ली के हैजा से बचाया था.

गुरुद्वारा मोती बाग – Moti Bagh Gurudwara

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वहीं 1707 में जब गुरु गोबिंद सिंह जी पहली बार दिल्ली आए, तब वह और उनकी सेना गुरुद्वारा मोती बाग साहिब (Moti Bagh Sahib Gurudwara Details in Hindi) में ही रुके थे. ऐसा कहा जाता है कि यहीं से गुरु गोबिंद सिंह जी ने लाल किले पर अपने सिंहासन पर बैठे मुगल सम्राट औरंगजेब के पुत्र राजकुमार मुअज्जम (बाद में बहादुर शाह) की दिशा में दो तीर चलाए थे. दिल्ली का यह पवित्र गुरुद्वारा शुद्ध सफेद संगमरमर से बना हुआ है.

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