Racism in Kazakhstan: कजाकिस्तान की वादियां जितनी खूबसूरत हैं, वहां की यात्रा उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी साबित हो सकती है। हाल ही में एक भारतीय ट्रैवल व्लॉगर ने कजाकिस्तान में अपनी यात्रा का अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किया, जो तुरंत वायरल हो गया। उसने बताया कि जैसे ही उसने बताया कि वह हिंदू है, वहाँ के स्थानीय लोगों का व्यवहार अचानक बदल गया। पहले दोस्ताना लगने वाला माहौल अचानक ठंडा और अकड़ भरा हो गया। सुंदर नजारों के बीच उन्हें ऐसा अनुभव हुआ, जो उनकी उम्मीद से बिल्कुल अलग था।
धर्म के आधार पर भेदभाव (Racism in Kazakhstan)
व्लॉगर ने बताया कि जैसे ही उसने कजाकिस्तान की धरती पर कदम रखा, लोगों ने सबसे पहले उसका धर्म पूछा। जब उसने बताया कि वह हिंदू है, तो उसके प्रति लोगों का व्यवहार बदल गया। स्थानीय लोग अकड़ कर बात करने लगे और उसे नफरत भरी नजरों से देखने लगे। इस अनुभव ने उसे बेहद असहज कर दिया।
ये लोग जब ध3र्म पूछ कर गो4ली मार सकते हैं तो यह तो बहुत छोटी सी बात है।
सभी सनातनी साथियों से निवेदन है कि एक बार इस वीडियो को जरूर सुनिए और जानिए कि इन देशों में हिंदू होना कितना बड़ा अभिशाप है।
क्या आप भी इस बात से सहमत हैं? pic.twitter.com/FCgu4MX1ZP
— mukesh chaudhary (@rudraksh3012) December 16, 2025
दुर्घटना में मदद से इनकार
व्लॉगर ने एक और घटना का जिक्र किया जिसमें एक भारतीय मेजर अपनी पत्नी के साथ कजाकिस्तान की यात्रा पर आया था। दुर्भाग्य से मेजर दुर्घटना का शिकार हुआ और सिर पर चोट लगी। इसके बावजूद वहां मौजूद लोगों ने उनकी मदद करने से मना कर दिया और पुलिस ने भी उनके साथ रुखा बर्ताव किया।
पहले भी सामने आ चुके मामले
आपको बता दें, इस साल ही ट्रैवल व्लॉगर परमवीर और उनके दोस्त शक्ति को भी कजाकिस्तान में नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। यह घटना केंडी झील के पास हुई। वीडियो में परमवीर ने बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति ने शक्ति से पूछा, “क्या तुम मुस्लिम हो?” जब शक्ति ने जवाब दिया कि वह हिंदू है, तो उस व्यक्ति ने हाथ में कड़ा और कलावा की ओर इशारा करते हुए भद्दे इशारे किए।
परमवीर और शक्ति का अनुभव
परमवीर ने अपने यूट्यूब चैनल पर 55 मिनट लंबे व्लॉग में यह घटना साझा की। वीडियो में 46 मिनट के बाद उन्होंने अपने अनुभव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारतीयों, खासकर हिंदुओं के प्रति कजाकिस्तान में नस्लवाद और भेदभाव दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि रूस के एक टैक्सी ड्राइवर ने भी भारतीयों को अपनी टैक्सी में लेने से मना कर दिया था।
विदेश यात्रा का सामान्य अनुभव
परमवीर ने कहा कि उन्होंने अब तक लगभग 120 देशों की यात्रा की है, लेकिन ऐसा अनुभव कहीं और नहीं हुआ। उन्होंने कजाकिस्तान में भारतीयों के साथ नस्लवाद और भेदभाव को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
यह घटनाएं दर्शाती हैं कि कजाकिस्तान में भारतीय, विशेष रूप से हिंदू ट्रैवलर्स को सामाजिक और धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैवल व्लॉग्स और सोशल मीडिया के जरिए ऐसे अनुभव साझा करना जरूरी है ताकि भविष्य में यात्रियों को सतर्क किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
और पढ़ें: Flight Baggage Rules: फ्लाइट में बैग को हुआ नुकसान? जानें मुआवजे के लिए क्या हैं आपके अधिकार









