नई दिल्ली। लोकपाल की नियुक्ति को लेकर प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर गुरुवार को बैठक की गई। जिसमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जाने से मना कर दिया है। खगड़े ने लोकपाल चयन समति की बैठक में जाने का निमंत्रण को ठुकरा दिया। खड़गे ने कहा कि वे बैठक मे हिस्सा नहीं ले रहे हैं, क्योंकि यह लोकपाल की पवित्र प्रक्रिया को लेकर सरकार दिखावा कर रही है। लोकपाल चयन को लेकर सरकार का यह केवल राजनीतिक स्टंट है। वो लोकपाल अधिनियम की पवित्रता को बनाए रखने के लिए बैठक में हिस्सा लेने नहीं गए हैं।
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मीडिया खबरों के अनुसार, खड़गे ने बैठक को लेकर पीएम मोदी को एक खत लिखा है, जिसमें कहा कि लोकपाल चयन समिति में विपक्ष की आवाज को बाहर करने की कोशिश की जा रही है। बैठक में विपक्ष के विचारों, अधिकारों और बिना मतदान के उनकी उपस्थिति केवल आंख में धूल झोंकने के बराबर है। यह केवल बैठक में विपक्ष को शामिल करने का दिखावा किया जा रहा है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि मैं पूरे विपक्ष और अपनी पार्टी की तरफ से यह कहना चाहता हूं कि इस बैठक में मेरे लिए विशेष निमंत्रण केवल दिखावा है। लोकपाल के चयन मामले में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। जो लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 का उल्लंघन है।
खड़गे ने कहा है कि अगर सरकार सच में लोकपाल को नियुक्त करना चाहती है। इसके पीछे उसकी मंशा सही है, तो उसको सबसे पहले कानून में संसोधन करना चाहिए। इसके लिए विधेयक लाकर संसद में पेश किया जाना चाहिए। ताकि लोकपाल अधिनियम की पवित्रता को बनाए रखा जा सके। उन्होंने कहा कि लोकपाल अधिनियम 2013 की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मुझे इस विशेष आमंत्रण को ठुकरा देना चाहिए।