जिला गोरखपुर के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा के नेता आईपी सिंह ने फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। उन्होंने फिल्म में भगवा आतंक और मॉब लिचिंग को दिखाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
फिल्म को लेकर बढ़ते हुए विवाद की वजह से फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी ने फिल्म को बंद करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने जारी बयान में कहा है कि मेरा उद्देश्य किसी की भी भावना को आहत करना नही था और ना ही मैं समाज में किसी भी तरह का कोई भी द्वेश फैलाना चाहता हूँ। इसी वजह से मैंने देश और समाज के लिए इस फिल्म को बंद करने का फैसला लिया है।
भाजपा नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर फिल्म रिलीज नहीं होने देने की चेतावनी दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि
‘यह न सिर्फ योगी आदित्यनाथ जी की छवि को खंडित करने का, बल्कि पूरी हिन्दू सभ्यता और नाथ-सम्प्रदाय को कलंकित करने का भी प्रयास है, मैं निर्माताओं को खुली चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो यह फिल्म रिलीज़ कर के दिखाएं। सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसी नीचता बर्दाश्त नहीं की जाएगी’।
इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट किया था कि
‘विनोद जी यह फिल्म तो रिलीज़ नहीं होने दी जाएगी, चंद पैसों के लिए एजेंडा चलाते-चलाते फिल्म निर्माता लिमिट क्रॉस कर जान-बूझकर समाज में उपद्रव फैलाने और लोगों का बांटने का काम कर रहे हैं, इस फिल्म के निर्माताओं को फंडिंग कहां से मिली, इसकी जांच कराई जाए।