Bollywood Superstar Rajesh Khanna: आज बॉलीवुड में सुपरस्टार्स की कोई कमी नहीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि “सुपरस्टार” शब्द का असली हकदार कौन था? वो थे हिंदी सिनेमा के पहले और असली सुपरस्टार — राजेश खन्ना, जिन्हें प्यार से सब ‘काका’ कहा करते थे। उनका स्टारडम इतना बड़ा था कि लड़कियां उनके पोस्टर्स से शादी कर लेती थीं, उनके लिए खून से खत लिखा करती थीं। लेकिन इस चमक-धमक के पीछे एक लंबा और दिलचस्प सफर छुपा है, जो 1965 में एक टैलेंट हंट कॉम्पिटिशन से शुरू हुआ था।
10 हज़ार लोगों को पछाड़ा था काका ने- Bollywood Superstar Rajesh Khanna
आपको जानकारी हैरानी होगी कि राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। उनका जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में हुआ था। जब उन्होंने यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर द्वारा आयोजित टैलेंट हंट में हिस्सा लिया था, तो कोई नहीं जानता था कि वो इतिहास रचने जा रहे हैं। इस कॉम्पिटिशन में करीब 10,000 प्रतियोगी शामिल थे, लेकिन जीत सिर्फ एक की हुई और वो थे राजेश खन्ना। यहीं से उन्हें बॉलीवुड में कदम रखने का पहला मौका मिला।
24 साल की उम्र में किया डेब्यू
1966 में, महज़ 24 साल की उम्र में, काका ने फिल्म ‘आखिरी खत’ से सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक दी। फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट न रही हो, लेकिन काका की एक्टिंग सबको याद रह गई।
इसके बाद तो जैसे उनके फिल्मों का सिलसिला चल निकला। ‘आराधना’, ‘आनंद’, ‘सच्चा झूठा’, ‘कटी पतंग’, ‘बावर्ची’, ‘अमर प्रेम’ — एक से बढ़कर एक क्लासिक फिल्में उन्होंने दीं।
जब हर फिल्म बन गई हिट
1969 से 1972 के बीच राजेश खन्ना ने जो किया, वो आज भी बॉलीवुड के लिए एक मिसाल है। उन्होंने लगातार 17 सुपरहिट फिल्में दीं, और वो भी मेन लीड में। ये रिकॉर्ड आज तक कोई दूसरा एक्टर नहीं तोड़ पाया।
उनके स्टार्डम का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि लोग उनके बालों की स्टाइल कॉपी करते थे, उनके डायलॉग्स दोहराते थे और उन्हें चलते-फिरते भगवान की तरह देखा करते थे।
राजाओं जैसी जिंदगी जीने वाला स्टार
काका ना सिर्फ परदे पर स्टार थे, बल्कि असल जिंदगी में भी उन्होंने शाही अंदाज़ में जीना पसंद किया। उनका बंगला ‘आशीर्वाद’ खुद एक लैंडमार्क बन गया था। कहा जाता है कि उनके घर के बाहर लड़कियों की लाइन लगी रहती थी, कुछ तो शादी के कार्ड तक भेज देती थीं।
कैंसर से जंग और आखिरी अलविदा
लेकिन हर चमकते सितारे की तरह, काका की जिंदगी में भी एक दिन सूरज ढल गया। जुलाई 2012 में, कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद, उन्होंने 69 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।
आज उन्हें गए 13 साल हो चुके हैं, लेकिन उनकी फिल्में, उनके डायलॉग्स और उनकी मुस्कान आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा हैं।
राजेश खन्ना सिर्फ एक नाम नहीं, एक एहसास थे। उन्होंने न सिर्फ सिनेमा को नई ऊंचाइयां दीं, बल्कि ये भी दिखाया कि अगर हुनर हो तो 10 हज़ार लोगों के बीच भी एक चमकता सितारा बनना मुमकिन है।