किसानों की तुलना 'आतंकी' से कर बुरी फंसेंगी कंगना रनौत? मामले में कोर्ट ने पुलिस को दिया ये बड़ा आदेश

किसानों  की तुलना 'आतंकी' से कर बुरी फंसेंगी कंगना रनौत? मामले में कोर्ट ने पुलिस को दिया ये बड़ा आदेश

पिछले कई महीनों से
बॉलीवुड का कोई सेलिब्रिटी

लगातार चर्चाओं में बना हुआ
है
, तो वो कंगना रनौत ही है। कंगना को हर मुद्दे पर अपनी बेबाकी से
राय रखने के लिए जाना जाता है। लेकिन कितनी बार यही उनको भारी पड़ जाता है। बीते
दिनों कंगना जब काफी ज्यादा सुर्खियों में थीं
,
जब वो नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन
कर रहे किसानों पर अपनी खुलकर राय रखी थीं।
 

 

किसान आंदोलन पर दिया था विवादित बयान

इस दौरान कंगना ने
आंदोलन में शामिल किसानों की तुलना आतंकवादियों तक से कर दी थीं। जिस पर काफी
हंगामा हुआ। कंगना को इसके लिए खूब आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन इसको
लेकर एक्ट्रेस की मुश्किलें अभी तक कम नहीं हुई। किसानों को
आतंकीवाली कंगना की
टिप्पणी का मामला कोर्ट में चल रहा है।
 


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा ये… 

बुधवार को दिल्ली की
पटियाला हाउस कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई। जिस दौरान कोर्ट ने मामले को लेकर कोर्ट
ने पुलिस को एक्शन टेकन रिपोर्ट (
ATR)
फाइल करने का आदेश दिया।

 

इस मामले की सुनवाई
करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता मनजिंदर सिरसा के वकील से सवाल किया कि अगर सोशल
मीडिया पर कोई कुछ कहता है
, तो वो आपके लिए इतना जरूरत क्यों होता है? देश में कितने लोग
ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं

 

इसके जवाब में
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने जवाब
 
देते हुए कहा कि कंगना जो ट्वीट करती है, वो मीडिया में पब्लिश
होती हैं। जिसकी वजह से कंगना के द्वारा दिए गए इस तरह के बयान सांप्रदायिक तनाव
की वजह बन सकते हैं। इसको लेकर कोर्ट ने
 दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू थाने की पुलिस को आदेश दिया कि वो 24 अप्रैल तक बताएं कि
मामले में क्या-क्या हुआ।

 

नबता दें कि कंगना के
खिलाफ ये याचिका दिल्ली गुरुद्वारा सिख प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह
सिरसा ने दाखिल की थीं। याचिका में कहा गया कि कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे
किसानों को लेकर कंगना ने आपत्तिजनक ट्वीट किया। जिससे किसानों खासतौर पर सिख
किसानों की छवि को नुकसान पहुंचा। इसको लेकर याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस में भी
शिकायत की
, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसलिए कोर्ट मामले में दिल्ली
पुलिस को धारा
156(3) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दें। 

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