Dharmendra Death News: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और ‘हीमैन’ धर्मेंद्र के निधन की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। 89 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले धर्मेंद्र सिर्फ बड़े परदे के अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि भारतीय सिनेमा के वो सितारे थे जिन्होंने अपने दमदार अभिनय, जांबाज किरदारों और दिल जीतने वाली मुस्कान से लाखों लोगों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई।
धर्मेंद्र का फगवाड़ा शहर से खास रिश्ता रहा। यही वह जगह है जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया और अपने पहले कदम जीवन के सफर में यहां रखे। स्कूल की यादें, पुराने मित्रों से मिलना, शहर के छोटे-बड़े गलियों और थिएटर की कहानियां उनके जीवन का हिस्सा थीं। फिल्मों में असंख्य यादगार भूमिकाओं और चमक-दमक के बावजूद, धर्मेंद्र कभी अपने फगवाड़ा वाले दोस्त और उनके शहर के प्रति अपनी लगाव को नहीं भूले।
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उनकी इस दुनिया से विदाई न केवल उनके परिवार और बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बल्कि उनके बचपन के शहर और फैंस के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। उनके जाने से एक युग का अंत हुआ है, लेकिन फगवाड़ा में उनके बचपन के दोस्तों और प्रशंसकों की यादों में उनका नाम हमेशा जीवित रहेगा।
बचपन और शिक्षा (Dharmendra Death News)
धर्मेंद्र का जन्म और पालन-पोषण फगवाड़ा में हुआ। उनके पिता मास्टर केवल कृष्ण चौधरी आर्य हाई स्कूल में गणित और सामाजिक अध्ययन पढ़ाते थे। धर्मेंद्र ने 1950 में यहीं से मैट्रिक की और 1952 तक रामगढ़िया कॉलेज में आगे की पढ़ाई की। उनके स्कूल के सहपाठी और वरिष्ठ एडवोकेट एस.एन. चोपड़ा बताते थे कि धर्मेंद्र में हमेशा एक खास चमक और ऊर्जा थी। प्रसिद्धि ने उनकी विनम्रता को कभी प्रभावित नहीं किया।
फगवाड़ा के साथ जुड़ाव
धर्मेंद्र अपनी पंजाब यात्राओं के दौरान हमेशा फगवाड़ा में रुके और बचपन के दोस्तों से मुलाकात की। उनके करीबी साथी समाजसेवक कुलदीप सरदाना, हरजीत सिंह परमार और एडवोकेट शिव चोपड़ा बताते हैं कि धर्मेंद्र कभी भी किसी स्टार की तरह नहीं आए, बल्कि एक दोस्त की तरह हमारे बीच रहते थे। हरजीत सिंह परमार के अनुसार, धर्मेंद्र और उनकी पत्नी प्रकाश कौर उनके घर आए और परिवार जैसा व्यवहार किया।
धर्मेंद्र ने अपने स्कूल के दिनों और शहर के बदलते स्वरूप के बारे में कई अविस्मरणीय किस्से साझा किए। एक मजेदार किस्सा उन्होंने खुद बताया कि अभिनय में आने से पहले, उन्हें कौमी सेवक रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में भूमिका के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था। कई साल बाद, उन्होंने अपने दोस्तों को चिढ़ाते हुए कहा कि अब क्या मुझे रामलीला में कोई भूमिका मिलेगी।
अंतिम दिनों की जानकारी
आपको बता दें, धर्मेंद्र को 10 नवंबर को अचानक तबीयत बिगड़ने पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया था और तब से उनकी देखरेख घर पर ही की जा रही थी। इस दौरान फगवाड़ा के मंदिरों और गुरुद्वारों में उनके प्रशंसक और बचपन के दोस्त उनके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
सोमवार को उनके निधन की पुष्टि बॉलीवुड डायरेक्टर करण जौहर ने सोशल मीडिया पर की। इससे पहले आईएएनएस ने भी उनके निधन की खबर चलाई।
फगवाड़ा में श्रद्धांजलि और यादें
धर्मेंद्र का फगवाड़ा से लगाव 2006 में और स्पष्ट हुआ जब उन्होंने पुराने पैराडाइज थिएटर की जगह बने गुरबचन सिंह परमार कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। हजारों लोगों के सामने उन्होंने कहा था, “फगवाड़ा जिंदाबाद!”
उनके बचपन के दोस्त बताते हैं कि धर्मेंद्र हमेशा पुराने दिनों की यादों को ताजा करते थे, पुराने स्कूल, पैराडाइज थिएटर और शहर की बदलती तस्वीर के किस्से साझा करते थे। यही कारण था कि फगवाड़ा में उनके निधन की खबर से हर कोई गहरे दुख में डूब गया।
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