Gadar Movie Facts: बॉलीवुड की चमक-दमक और बड़े पर्दे की रौनक में कई चेहरे छुपे होते हैं, जिनके नाम तो स्क्रीन पर चमकते हैं, लेकिन उनकी असली कहानी पर्दे के पीछे कहीं छिपी रहती है। ऐसा ही एक रहस्यमय नाम है इशरत अली का। आपने सनी देओल की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ देखी होगी और वह काजी का किरदार याद होगा, जिसने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बना ली। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किरदार के पीछे का असली इंसान अब बॉलीवुड की दुनिया से दूर, पूरी तरह अलग जीवन जी रहा है?
वह इंसान, जिसने करीब ढाई दशक तक बड़े पर्दे पर अपनी पहचान बनाई, अब फिल्मों की चमक-दमक से कोसों दूर, अध्यात्म और सादगी के रास्ते पर चल रहा है। मुंबई के व्यस्त शहर में, स्टारडम की रौशनी से दूर, अपने परिवार के साथ उसने एक ऐसा जीवन चुना है जिसे देखकर कोई भी हैरान रह जाए। आखिर वह क्यों पीछे हट गए? वह क्या कर रहे हैं? और बॉलीवुड में उनके यादगार किरदारों के पीछे की असली कहानी क्या है? आईए जानते हैं विस्तार से
पहली बड़ी पहचान: काल चक्र
इशरत अली का बॉलीवुड डेब्यू 1988 में आई फिल्म ‘काल चक्र’ से हुआ। इस फिल्म में उन्होंने यशवंत कात्रे नामक भ्रष्ट नेता का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इस रोल ने उन्हें नेगेटिव किरदार निभाने का पहला मौका दिया और इसी के साथ उनके करियर की नींव मजबूत हुई।
विलेन से साइड रोल तक- Gadar Movie Facts
इशरत अली ने अपने करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उन्होंने केवल विलेन के रोल नहीं निभाए बल्कि कई यादगार सपोर्टिंग किरदार भी किए। फिल्म ‘आतंक ही आतंक’ में उन्होंने रजनीकांत के पिता का और ‘तुम मेरे हो’ में आमिर खान के पिता का किरदार निभाया। इसके अलावा ‘क्रांतिवीर’, ‘आंदोलन’, ‘गुंडा’ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
गदर का काजी: सबसे यादगार किरदार
इशरत अली को असली पहचान मिली सनी देओल की सुपरहिट फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ (2001) से। इस फिल्म में उन्होंने काजी का किरदार निभाया, जो दर्शकों के दिल में छा गया। फिल्म में उनके अलावा अमीषा पटेल और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज कलाकार भी थे। इशरत अली ने अपने किरदार के माध्यम से कहानी में गहराई और रोमांच भर दिया। इस फिल्म का सीक्वल ‘गदर 2’ 2023 में भी ब्लॉकबस्टर साबित हुआ, और इशरत अली के किरदार की यादें आज भी ताजा हैं।
स्पॉट बॉय से बड़े पर्दे तक
इंडस्ट्री में शुरुआती दिन मुश्किल थे, लेकिन इशरत ने हार नहीं मानी। कैमरा यूनिट के असिस्टेंट से लेकर बड़े फिल्म सेट पर नेगेटिव और सपोर्टिंग रोल निभाने तक का उनका सफर संघर्ष और मेहनत की कहानी है। उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था कि दर्शक उनके किरदार को भूल नहीं पाए।
फिल्मी दुनिया से अध्यात्म की ओर
हालांकि, 2014 के बाद इशरत अली ने फिल्मों से दूरी बना ली। उनका आखिरी टीवी प्रोजेक्ट था ‘चिड़ियाघर’, जिसमें उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया। अब वे मुंबई में अपनी पत्नी निगार सुल्तान और बच्चों के साथ अध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं। वे पांचों वक्त की नमाज़ अदा करते हैं, खुदा का शुक्र करते हैं और साधारण जीवन जी रहे हैं।
