Manoj Kumar Death News: मनोज कुमार नहीं, ‘भारत कुमार’ कहिए… इस फिल्म स्टार ने देशभक्ति के लिए अपना घर और जमीन बेच दी

Manoj Kumar Death News bollywood
source: Google

Manoj Kumar Death News: बॉलीवुड के महान अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक नई दिशा की शुरुआत की थी। उनकी फिल्में न केवल दर्शकों का मनोरंजन करती थीं, बल्कि समाज में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना भी जगाती थीं। उनकी फिल्म ‘उपकार’ में गाया गया गीत “मेरे देश की धरती सोना उगले” आज भी हर भारतीय की जुबान पर है। यह गीत न केवल भारतीय किसानों और सैनिकों की मेहनत और बलिदान को याद करता है, बल्कि यह भारतीय आत्मा की गूंज है।

और पढ़ें: Blockbuster Bollywood Movie: जब बॉलीवुड के पांच सुपरस्टार्स ने लव ट्राएंगल में मचाया धमाल, 26 साल बाद भी यादगार है फिल्म!

‘उपकार’ और देशभक्ति की नई पहचान- Manoj Kumar Death News

1967 में रिलीज़ हुई फिल्म उपकार उस समय के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश को दर्शाती थी। जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद देश की स्थिति कठिन थी, तब यह फिल्म जनता में नए उत्साह और जोश का संचार करती थी। फिल्म में दिखाए गए भारतीय सैनिकों और किसानों के संघर्षों को केंद्रित करते हुए, मनोज कुमार ने यह संदेश दिया कि देश के लिए कोई भी बलिदान छोटा नहीं होता।

Manoj Kumar Death News bollywood

मनोज कुमार ने फिल्म का निर्देशन और निर्माण खुद किया और यह उनके करियर का अहम मोड़ साबित हुआ। उनके इस प्रयास को ना केवल दर्शकों ने सराहा, बल्कि फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। फिल्म के लोकप्रिय गीत “मेरे देश की धरती” ने हर भारतीय दिल को छुआ और इसे एक राष्ट्रवादी गान के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया।

मनोज कुमार का संघर्षमय जीवन

मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था। विभाजन के बाद, वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के शरणार्थी शिविर में पले-बढ़े। मुंबई में आने के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और उनकी पहली फिल्म फैशन 1957 में रिलीज हुई। हालांकि, उन्हें असली पहचान 1965 में आयी फिल्म शहीद से मिली, जिसमें उन्होंने भगत सिंह का किरदार निभाया। यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई और इसके बाद से वे देशभक्ति फिल्मों के प्रमुख चेहरों में से एक बन गए।

‘उपकार’ से ‘भारत कुमार’ तक

जब फिल्म उपकार रिलीज हुई, तो दर्शक उनके अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें प्यार से ‘भारत कुमार’ कहने लगे। यह फिल्म न केवल एक बॉक्‍स ऑफिस हिट थी, बल्कि इसने भारतीय समाज की सच्चाइयों को भी पर्दे पर उतारा। फिल्म में देशभक्ति के साथ-साथ किसानों और सैनिकों की अहमियत को प्रमुखता से दिखाया गया। यह फिल्म विशेष रूप से भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के “जय जवान जय किसान” नारे से प्रेरित थी।

मनोज कुमार ने खुद कहा था कि उपकार फिल्म को बनाने के पीछे एक गहरी सोच थी, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज के संघर्षों को दर्शाया। इस फिल्म के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि राष्ट्र की समृद्धि और सुरक्षा में सैनिकों और किसानों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है।

मनोज कुमार का प्रेरणादायक करियर

मनोज कुमार ने न केवल अभिनेता के रूप में बल्कि एक निर्माता और निर्देशक के तौर पर भी खुद को साबित किया। उन्होंने फिल्मों के माध्यम से देशभक्ति के उन महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया जो आमतौर पर पर्दे पर नहीं दिखाए जाते थे। उनकी फिल्म क्रांति, जो 1981 में रिलीज हुई, ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित थी। यह फिल्म उस समय के लिए एक बड़ा बजट प्रोजेक्ट थी, जिसमें उन्होंने 3 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

Manoj Kumar Death News bollywood

हालांकि, क्रांति बनाने में उन्हें वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। फिल्म की निर्माण प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने अपनी संपत्ति तक बेच दी थी। खबरों की मानें तो जब उनके पास पैसे की कमी हो गई तो उन्होंने दिल्ली में अपना बंगला बेच दिया। इसके बाद भी जब पैसे नहीं मिले तो उन्होंने मुंबई के जुहू इलाके में अपना प्लॉट बेच दिया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 16 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी सफलता थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी जैसे बड़े सितारे थे।

सत्ता और शासन से टकराव

इमरजेंसी के दौरान जब इंदिरा गांधी की सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठने लगी थी, तो मनोज कुमार ने भी अपनी फिल्मों के माध्यम से सरकार के कार्यों की आलोचना की। आपातकाल के दौर में उनकी फिल्मों दस नंबरी और शोर पर बैन लगा दिया गया था। इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्मों के प्रसारण के खिलाफ अदालत में चुनौती दी और लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिरकार, उन्होंने कोर्ट में जीत हासिल की।

मनोज कुमार की अद्वितीय विरासत

मनोज कुमार ने न केवल फिल्मों के जरिए देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि अपने जीवन में भी उसे जीने की कोशिश की। उन्होंने कहा था, “देशभक्ति मेरे खून में है,” और यही भावना उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से व्यक्त की। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी फिल्में देशभक्ति और समाज के प्रति जागरूकता का प्रतीक बनकर रहेंगी।

और पढ़ें: Laapataa Ladies Controversy: किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीस’ पर लगे कॉपी करने के आरोप, सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही डायरेक्टर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here