Paresh Rawal drank urine: हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता और पूर्व भाजपा सांसद, परेश रावल ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उन्होंने अपनी चोट को ठीक करने के लिए अपना पेशाब पीने का तरीका अपनाया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है और कई डॉक्टर्स ने इस दावे पर अपनी राय दी है। परेश रावल का कहना है कि जब उन्होंने अपनी चोट पर इस पद्धति का पालन किया, तो 15 दिन बाद डॉक्टर भी उनके स्वास्थ्य में सुधार देखकर हैरान रह गए थे। लेकिन क्या सच में पेशाब पीने से कोई स्वास्थ्य लाभ हो सकता है? डॉक्टर्स ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी, आइए जानते हैं।
परेश रावल का दावा- Paresh Rawal drank urine
परेश रावल ने ‘द लल्लनटॉप’ को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि वह नानावटी अस्पताल में भर्ती थे और वहां अभिनेता वीरू देवगन उनसे मिलने आए थे। वीरू देवगन ने उन्हें सलाह दी कि सुबह सबसे पहले अपना पेशाब पीने से उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। परेश रावल के अनुसार, उन्होंने वीरू देवगन की सलाह मानी और 15 दिन तक अपनी सुबह की शुरुआत अपने पेशाब से की। जब 15 दिन बाद उनका एक्स-रे हुआ, तो डॉक्टर भी यह देखकर दंग रह गए कि उनकी चोट में कितनी तेजी से सुधार हुआ था।
यूरिन थैरेपी का इतिहास
पेशाब पीने की प्रथा, जिसे यूरोफैगी या यूरिन थैरेपी के नाम से जाना जाता है, हजारों साल पुरानी है। इसका प्रयोग प्राचीन मिस्र, यूनान और रोमन साम्राज्यों में भी किया जाता था। उस समय यह माना जाता था कि पेशाब पीने से शरीर की बीमारियां ठीक हो सकती हैं। 1945 में ब्रिटिश चिकित्सक जॉन डब्ल्यू आर्मस्ट्रांग ने अपनी किताब ‘द वॉटर ऑफ लाइफ: ए ट्रीटीज ऑन यूरिन थेरेपी’ में इस पद्धति को बढ़ावा दिया। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इस थैरेपी का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
डॉक्टरों की राय
जहां एक ओर परेश रावल ने यूरिन थैरेपी के जरिए अपनी चोट में सुधार का दावा किया, वहीं अधिकांश डॉक्टरों ने इस पद्धति को खारिज किया है और चेतावनी दी है कि पेशाब पीने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अम्बरीश मिथल ने कहा, “यह दावा बेहद खतरनाक है। पेशाब में विषाक्त पदार्थ होते हैं जिन्हें शरीर ने बाहर निकालने का निर्णय लिया है। इन पदार्थों को फिर से शरीर में डालने से गंभीर संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।”
Please don’t drink your urine (or others) because a Bollywood actor says so.
There is no scientific evidence to support the idea that drinking urine provides any health benefits.
In fact, consuming urine can be harmful, potentially introducing bacteria, toxins, and other… https://t.co/lSyr2p25uY
— TheLiverDoc (@theliverdr) April 27, 2025
दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के डॉ. सुमीत शाह ने कहा, “हमें ऐसे दावों को अनदेखा करना चाहिए। लोग अपनी पसंद से जो करना चाहें, वह करें, लेकिन चिकित्सा विज्ञान और वैज्ञानिक तथ्यों का पालन करना बहुत जरूरी है।”
In India, modern medicine (Allopathic !!) Doctors should stop being the harbinger of greater public health – simply because, people in this country don’t want it. They will start abusing medical science and pharma industry. A hundred tweets will come up on how we are ignoring…
— Dr Sumeet Shah (@DrSumeetShah) April 28, 2025
डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स, जो सोशल मीडिया पर ‘द लिवर डॉक्टर’ के नाम से प्रसिद्ध हैं, ने भी कहा, “पेशाब पीने से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है। पेशाब में बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।”
Apalled to see the video of an accomplished actor talking about drinking his own #urine (“sippng it like beer”) for healing. Makes me want to throw up. Even worse, he says he was advised to do so by another well known film personality.
Apart from being disgusting, it’s…
— Dr Ambrish Mithal (@DrAmbrishMithal) April 28, 2025
पेशाब पीने के स्वास्थ्य जोखिम
डॉक्टर्स के अनुसार, पेशाब में यूरिया, नमक और अन्य विषाक्त पदार्थ होते हैं जिन्हें शरीर ने बाहर निकालने के लिए फिल्टर किया है। जब इन्हें फिर से शरीर में डाल दिया जाता है, तो यह शरीर में विषाक्तता और असंतुलन पैदा कर सकता है। इसके अलावा, पेशाब पीने से किडनी की कार्यप्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यूरिन थैरेपी के दावे बिना वैज्ञानिक प्रमाण के हैं और इसे अपनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस तरह के प्राचीन और अप्रमाणित उपचारों की बजाय, डॉक्टरों की सलाह लेना और सही इलाज करना बेहतर है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
फोर्टिस हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर डायरेक्टर डॉ. चरुदत्त वैती ने भी इस बारे में अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “पेशाब वास्तव में एक अपशिष्ट पदार्थ है और इसे शरीर से बाहर निकालने का उद्देश्य सिर्फ इसके हानिकारक तत्वों को दूर करना होता है। इसे शरीर में वापस डालने से संक्रमण और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।”
मुंबई के पीडी हिंदुजा हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आदित्य खेमका ने कहा, “घुटने के दर्द में कभी-कभी सुधार स्वाभाविक रूप से हो सकता है। पेशाब पीने से इस सुधार का कोई संबंध नहीं है।”