Phir Bhi Dil Hai Hindustani: जब शाहरुख ने दर्शकों के लिए पेश की अलग कहानी, जानें क्यों नहीं चला बॉक्स ऑफिस पर जादू

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Phir Bhi Dil Hai Hindustani: साल 2000 में शाहरुख खान, जूही चावला और अजीज मिर्जा ने मिलकर ‘ड्रीमज अनलिमिटेड’ नामक प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की। इसी प्रोडक्शन हाउस के तहत उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ बनाई। यह फिल्म शाहरुख खान और जूही चावला जैसे बड़े सितारों के साथ एक मसाला एंटरटेनर थी। हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म असफल रही। इसके फ्लॉप होने से शाहरुख, जूही और अजीज मिर्जा को एक बड़ा झटका लगा।

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फिल्म की कहानी और दर्शकों की प्रतिक्रिया- Phir Bhi Dil Hai Hindustani

‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ की कहानी मीडिया की दुनिया और उसमें बढ़ते कॉम्पिटिशन पर आधारित थी। शाहरुख खान ने फिल्म में अजय बख्शी नाम के एक स्टार रिपोर्टर का किरदार निभाया, जबकि जूही चावला ने उनकी प्रतिस्पर्धी रिपोर्टर रिया बनर्जी का रोल किया।

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मीडिया की शुरुआत मीडिया चैनलों के बीच टीआरपी की होड़ और फेक न्यूज दिखाने की घटनाओं से होती है। हालांकि, दर्शकों को यह कॉन्सेप्ट समझ नहीं आया। साल 2000 में, जब यह फिल्म रिलीज हुई, उस समय मीडिया का इतना बड़ा प्रभाव नहीं था और न ही रिपोर्टर को किसी स्टार जैसा दर्जा मिलता था। दर्शक फिल्म के किरदारों और कहानी से खुद को जोड़ नहीं पाए, जिसकी वजह से यह फिल्म असफल रही।

फेक न्यूज पर संदेश

फिल्म में फेक न्यूज और मीडिया की जिम्मेदारी जैसे गंभीर मुद्दों को भी उजागर किया गया। अजय और रिया जैसे रिपोर्टर अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए छोटी खबरों को बड़ा बनाकर पेश करते हैं। फिल्म यह दिखाने की कोशिश करती है कि मीडिया में यह चलन मौजूद है, लेकिन पूरे मीडिया को गैर-जिम्मेदार बताना दर्शकों को रास नहीं आया।

‘कहो ना प्यार है’ से मिली कड़ी टक्कर

फिल्म के फ्लॉप होने का एक बड़ा कारण ऋतिक रोशन की डेब्यू फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ भी थी, जो उसी समय रिलीज हुई। ऋतिक की रोमांटिक और म्यूजिकल फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई। बॉक्स ऑफिस पर ‘कहो ना प्यार है’ की सफलता ने ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ की बची-खुची उम्मीदें भी खत्म कर दीं।

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संगीत की सफलता

फिल्म भले ही फ्लॉप रही हो, लेकिन इसका संगीत बेहद लोकप्रिय हुआ। उदित नारायण द्वारा गाया गया टाइटल ट्रैक ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। इसके अलावा ‘आई एम द बेस्ट’ जैसे गानों को भी काफी पसंद किया गया। फिल्म के गाने इसकी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरे और आज भी म्यूजिक लवर्स के बीच लोकप्रिय हैं।

गंभीर संदेश, लेकिन कमजोर निष्पादन

फिल्म ने कई गंभीर मुद्दों को हास्य और नाटकीय शैली में पेश करने की कोशिश की। लेकिन 2000 के दशक में दर्शक इस तरह के कंटेंट के लिए तैयार नहीं थे। फिल्म में मीडिया की जिम्मेदारियों, फेक न्यूज, और समाज पर इसके प्रभाव जैसे विषय शामिल थे, लेकिन इन विषयों को जिस अंदाज में प्रस्तुत किया गया, वह दर्शकों को प्रभावित करने में असफल रहा।

प्रोडक्शन हाउस और भविष्य की योजनाएं

‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ की असफलता ने शाहरुख, जूही और अजीज मिर्जा को निराश जरूर किया, लेकिन उन्होंने इससे सीख ली। बाद में, ड्रीमज अनलिमिटेड का नाम बदलकर रेड चिलीज एंटरटेनमेंट कर दिया गया, जो आज भारतीय सिनेमा का एक बड़ा प्रोडक्शन हाउस है।

‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ को भले ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली, लेकिन इसने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की कोशिश की। यह फिल्म आज भी अपने संगीत और शाहरुख-जूही की अदाकारी के लिए याद की जाती है। हालांकि, यह फिल्म शाहरुख खान के करियर का एक कमजोर पहलू रही।

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