Shaktimaan fame Nupur Alankar: शक्तिमान फेम एक्ट्रेस ने छोड़ी लाइमलाइट की दुनिया, साध्वी बन भिक्षा मांगकर जी रही जिंदगी

Shaktimaan fame Nupur Alankar
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Shaktimaan fame Nupur Alankar: मनोरंजन जगत में कुछ ऐसे कलाकार भी हैं, जिन्होंने स्टारडम और फेम पाने के बाद अचानक लाइमलाइट और एक्टिंग से दूरी बना ली। ऐसे ही एक नाम है ‘शक्तिमान’ फेम नुपुर अलंकार का। नुपुर ने अपने करियर में कई हिट शोज़ जैसे ‘अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो’ और ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’ में काम किया। लेकिन 2022 में उन्होंने अचानक अपनी सारी लग्जरी जिंदगी को छोड़कर आध्यात्म का रास्ता चुना और अब पीताम्बरा मां के नाम से जानी जाती हैं।

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आध्यात्मिक राह की ओर मोड़- Shaktimaan fame Nupur Alankar

नुपुर ने टेली टॉक इंडिया से बातचीत में बताया कि कैसे जिंदगी में कुछ घटनाओं ने उनके विचार पूरी तरह बदल दिए। उन्होंने कहा कि एक्टिंग के दिनों में भी उन्होंने हमेशा अनुशासित जीवनशैली अपनाई थी और आध्यात्म उनके जीवन का हिस्सा रहा। लेकिन जीवन की व्यक्तिगत और आर्थिक चुनौतियों ने उन्हें वैराग्य और भक्ति की राह चुनने पर मजबूर कर दिया।

पीएमसी बैंक घोटाला और जिंदगी की हकीकत

नुपुर ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ पीएमसी बैंक घोटाले को बताया। इस घोटाले ने कई अकाउंट होल्डर्स को आर्थिक संकट में डाल दिया। नुपुर ने कहा, “मेरी जिंदगी में जो कुछ हुआ, वो सब आपको गूगल पर मिल जाएगा। ये सब पीएमसी बैंक स्कैम के बाद शुरू हुआ, जिसने मुझे जिंदगी की कठोर सच्चाई से रूबरू कराया।”

इस संकट के दौरान नुपुर की मां बीमार पड़ गईं, और आर्थिक परेशानियों के बीच उनकी मां और बहन का निधन हो गया। नुपुर ने बताया कि यह उनके लिए सबसे कठिन समय था और इसने उनके जीवन में आध्यात्मिक परिवर्तन की नींव रखी।

दुनिया से मोह भंग और संन्यास का निर्णय

मां और बहन के निधन के बाद नुपुर ने दुनिया से मोह भंग कर लिया। उन्होंने कहा, “इससे पहले ही मैंने खुद को सांसारिक जीवन से अलग करना शुरू कर दिया था। मुझे इस जीवन में कोई खास दिलचस्पी नहीं रही, इसलिए मैंने जो भी लोग मेरे करीब थे, उनसे अनुमति ली और फिर पूरी तरह से आध्यात्मिक मार्ग अपनाया।”

पीताम्बरा मां बनकर जीवन का नया अध्याय

आज नुपुर अलंकार पूरी तरह से साध्वी जीवन जी रही हैं। वह कुटिया में रहती हैं, सात्विक भोजन करती हैं और अपने जीवन को भक्ति और साधना के लिए समर्पित कर चुकी हैं। उन्होंने लाइमलाइट, ग्लैमर और तमाम लग्जरी को छोड़कर एक शांत और अनुशासित जीवन चुना है।
नुपुर अलंकार का यह सफर यह दिखाता है कि जीवन में कितनी भी चमक-दमक क्यों न हो, कभी-कभी परिस्थितियां और व्यक्तिगत अनुभव हमें पूरी तरह बदल सकते हैं। उनका उदाहरण उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो जीवन में संतुलन, शांति और आध्यात्मिकता की तलाश में हैं।

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