Shatrughan Sinha: बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने स्क्रीन पर कई अलग-अलग तरह की ज़िंदगी जी हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में उन्होंने एक ऐसा डरावना पल फील किया जो उन्हें आज भी याद है। न्यूयॉर्क की हाल की यात्रा के दौरान, रात करीब 1 बजे एक सुनसान सड़क पर अकेले चलते हुए उन्हें अपनी जान का असली डर लगा। चारों तरफ सन्नाटा था, और उन्हें खतरा महसूस हुआ। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसे शायद वह कभी नहीं भूलेंगे। एक फैन, जिसने उन्हें उनकी पंजाबी फिल्म ‘पुत्त जट्टन दे’ से पहचाना था, अचानक उनके पास आया, और इसके बाद जो हुआ वह आपको ज़रूर हैरान कर देगा। आइए आपको पूरी कहानी विस्तार से बताते हैं।
न्यूयॉर्क में लूटपाट का दौर और देर रात की सैर (Shatrughan Sinha)
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि यह घटना उस वक्त की है, जब न्यूयॉर्क में लूटपाट और अपराध अपने चरम पर थे। वह वहां रैडिसन होटल में ठहरे हुए थे। एक शाम उन्हें एक दोस्त के घर डिनर पर बुलाया गया था। डिनर के बाद दोस्त ने उन्हें होटल तक छोड़ने की पेशकश की। रात के करीब एक बज रहे थे और शहर का वह इलाका पूरी तरह सुनसान था।
शत्रुघ्न सिन्हा के मुताबिक, दोस्त ने उन्हें होटल से थोड़ी दूरी पर उतार दिया और कहा कि सामने ही होटल है, आप पैदल चले जाएं। भरोसा करके वह गाड़ी से उतर गए। उस वक्त उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह छोटा सा फैसला उन्हें कितनी बड़ी परेशानी में डालने वाला है।
सुनसान सड़क और बढ़ता डर
जैसे ही दोस्त की गाड़ी वहां से गई, माहौल अचानक डरावना लगने लगा। शत्रुघ्न सिन्हा के हाथ में एक बड़ा शॉपिंग बैग था, जिसमें कीमती सामान भरा हुआ था। उन्होंने बताया कि उस बैग में लगभग हर वो चीज थी, जो किसी लुटेरे का ध्यान खींच सकती थी। चारों तरफ सन्नाटा था और सड़क पर कोई नजर नहीं आ रहा था।
कुछ कदम चलने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह रैडिसन होटल नहीं है। आसपास की सारी इमारतें एक जैसी दिख रही थीं और वह रास्ता भटक चुके थे। इसी पल उनकी घबराहट बढ़ गई। उन्होंने खुद से कहा कि शायद यह वही रात हो सकती है, जब कुछ बहुत बुरा होने वाला है।
राहगीर से सवाल और अपमानजनक जवाब
डर के बीच उन्होंने एक राहगीर को देखा और उससे होटल का रास्ता पूछा। लेकिन उस शख्स ने मदद करने के बजाय उन्हें झिड़कते हुए ‘दफा हो जाओ’ कह दिया। उस वक्त रात के करीब दो बज चुके थे। यह जवाब सुनकर उनका डर और बढ़ गया।
इसके कुछ ही मिनट बाद एक कार धीरे-धीरे उनकी ओर आती दिखी। अंधेरी सड़क पर अकेले खड़े शत्रुघ्न सिन्हा को लगा कि अब सब खत्म होने वाला है। उन्होंने बताया कि उस पल उन्हें लगा, “बस यही है, यही मेरा अंत है।”
‘पुत्त जट्टन दे?’ और अचानक बदली किस्मत
लेकिन तभी कहानी ने ऐसा मोड़ लिया, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। कार उनके पास आकर रुकी और अंदर से एक आवाज आई, “पुत्त जट्टन दे?” यह सुनते ही वह चौंक गए। दरअसल, उस शख्स ने उन्हें उनकी पंजाबी फिल्म ‘पुत्त जट्टन दे’ से पहचान लिया था।
ड्राइवर ने उन्हें वहीं रुकने को कहा और बताया कि यह इलाका बेहद खतरनाक है। उसने रेडियो के जरिए अपने लोगों को बुला लिया। कुछ ही देर में 20-25 गाड़ियां वहां पहुंच गईं। ये सभी पंजाब से जुड़े सिख भाई थे, जिन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को चारों ओर से घेर लिया। अब जाकर उनकी सांस में सांस आई।
फैन ने सुरक्षित पहुंचाया होटल
उन लोगों ने शत्रुघ्न सिन्हा को बताया कि उन्होंने उन्हें पहचान लिया था, इसलिए मदद के लिए तुरंत पहुंच गए। इसके बाद सभी ने मिलकर उन्हें सुरक्षित उनके होटल तक पहुंचाया। डर और घबराहट से बाहर निकलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने जब उन्हें धन्यवाद देते हुए पैसे देने की कोशिश की, तो उन्होंने साफ मना कर दिया।
उनका जवाब था, “नहीं साहब, आप हमारे हीरो हैं। आप पुत्त जट्टन दे हैं।” यह पल शत्रुघ्न सिन्हा के लिए जिंदगी भर न भूलने वाला बन गया।









