Sunny Deol vs Ajay Devgan: 23 साल पुरानी वो कहानी जब सनी देओल ने अजय से रोल छीनने की कर ली थी प्लानिंग

Sunny Deol vs Ajay Devgan
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Sunny Deol vs Ajay Devgan: साल 2026 आने ही वाला है और बॉलीवुड में नए साल की शुरुआत बड़े सितारों की बड़ी फिल्मों से होने जा रही है। जहां सनी देओल अगले साल दो धमाकेदार फिल्मों की रिलीज के लिए तैयार हैं, वहीं दूसरी तरफ अजय देवगन भी अपनी बैक-टू-बैक फिल्मों को लेकर चर्चा में हैं। इस साल अजय की दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं, जबकि सनी पाजी एक ही फिल्म लेकर आए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी यही दो सुपरस्टार एक फिल्म को लेकर आमने-सामने आ गए थे? इतना ही नहीं, सनी देओल तो अजय देवगन से रोल तक छीनना चाहते थे! चलिए जानते हैं उस कहानी के बारे में:

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कैसे शुरू हुआ मामला? (Sunny Deol vs Ajay Devgan)

यह कहानी है पूरे 23 साल पुरानी, जब एक फिल्म के चक्कर में दोनों सितारों के बीच खींचतान की ऐसी स्थिति बन गई थी, जिसने उस दौर के बॉलीवुड गलियारों में खूब हलचल मचाई थी। साल 2002 में रिलीज हुई ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ को राजकुमार संतोषी बना रहे थे। इस फिल्म में भगत सिंह का किरदार अजय देवगन को मिला था, जबकि चंद्रशेखर आजाद की भूमिका के लिए पहले सनी देओल को साइन किया गया था। सेटअप पूरी तरह तैयार था, और दोनों कलाकार अपनी-अपनी भूमिकाओं पर काम भी शुरू कर चुके थे। लेकिन कहानी यहाँ से दिलचस्प मोड़ लेती है।

सनी देओल की ये ‘रिक्वेस्ट’ बदल गई बड़ी वजह में

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म में एंट्री लेने के बाद सनी देओल ने डायरेक्टर राजकुमार संतोषी से एक अनोखी रिक्वेस्ट की। उन्होंने चाहा कि फिल्म में भगत सिंह का किरदार अजय देवगन के बजाय उनके छोटे भाई बॉबी देओल निभाएं। राजकुमार संतोषी ने यह बात स्पष्ट रूप से कह दी कि फिल्म का प्लान पूरा सेट है और अजय देवगन ही लीड रहेंगे। यही बात सनी देओल को पसंद नहीं आई और कहा जाता है कि इसी गिले-शिकवे के चलते उन्होंने फिल्म छोड़ने का फैसला कर लिया। इसके बाद दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें भी खूब सामने आईं।

और फिर हुई बॉक्स ऑफिस पर सीधे टक्कर

जब सनी देओल ने फिल्म छोड़ी, उसी समय निर्देशक गुड्डू धनोआ ने अपनी फिल्म ‘23 मार्च 1931: शहीद’ के लिए बॉबी देओल को साइन कर लिया। दिलचस्प बात ये रही कि इस फिल्म में भी बॉबी भगत सिंह की भूमिका निभा रहे थे यानी वही किरदार जिसे लेकर विवाद ने जन्म लिया था। सनी देओल ने भी फिल्म में एंट्री ली और दोनों फिल्मों को एक ही दिन 7 जून 2002 को रिलीज़ किया गया। इससे साफ पता चलता है कि यह सिर्फ एक संयोग नहीं था, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर सीधा मुकाबला था।

दोनों फिल्मों का क्या हुआ?

हालांकि, दोनों फिल्मों में स्टारकास्ट दमदार थी, लेकिन रिज़ल्ट उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। 2002 में भगत सिंह पर आधारित दो बड़ी फिल्मों का आमना-सामना हुआ था, अजय देवगन की ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ और बॉबी देओल की ‘23 मार्च 1931: शहीद’। भले ही दोनों फिल्मों ने देशभक्ति की भावना को परदे पर बखूबी दिखाया, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर दोनों का सफर उम्मीद से काफी कमजोर रहा।

अजय देवगन की फिल्म

अजय देवगन की फिल्म द लीजेंड ऑफ भगत सिंह को क्रिटिक्स ने बेहद सराहा। अजय के अभिनय, राजकुमार संतोषी के निर्देशन और फिल्म की कहानी को दर्शकों ने प्रशंसा दी। बावजूद इसके, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी और इसकी वर्ल्डवाइड कमाई लगभग 12.93 करोड़ रुपये तक ही सीमित रह गई। यह फिल्म सिनेमाई दृष्टि से बेहतरीन होने के बाद भी फ्लॉप घोषित की गई।

बॉबी देओल की फिल्म

दूसरी ओर, बॉबी देओल की 23 मार्च 1931: शहीद भी उसी दिन रिलीज हुई और इसे भी लेकर दर्शकों में काफी उम्मीदें थीं। लेकिन यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर टिक नहीं पाई। इसकी कुल वर्ल्डवाइड कमाई करीब 14.25 करोड़ रुपये रही, जो निर्माण लागत और उम्मीदों की तुलना में काफी कम थी। नतीजतन, यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई।

दोनों फिल्मों का यह क्लैश बॉलीवुड इतिहास के उन पलों में से एक बन गया, जब एक ही विषय पर बनी दो बड़ी फिल्में एक साथ आईं, लेकिन किसी भी फिल्म को वह सफलता नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।

आज का वक्त, पुरानी बातों की गूँज

भले ही यह किस्सा आज 23 साल पुराना हो गया हो, लेकिन बॉलीवुड के इतिहास में यह एक दिलचस्प एपिसोड की तरह याद किया जाता है, जहाँ दोस्तों, फिल्मों और फैमिली बंधन के बीच एक रोल को लेकर ऐसी खिंचतान हुई कि दो फिल्में एक ही दिन रिलीज़ कर देनी पड़ीं।

आज सनी देओल और अजय देवगन दोनों सुपरस्टार हैं और अपने-अपने करियर में ऊँचाइयाँ छू रहे हैं। लेकिन फिल्म ‘भगत सिंह’ को लेकर हुआ यह विवाद आज भी लोगों को उतना ही दिलचस्प लगता है, जितना उस दौर के बॉलीवुड फैन्स के लिए था।

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