Taal Unknown Facts: करीब दो दशक से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन सुभाष घई की फिल्म ‘ताल’ आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है। 13 अगस्त 1999 को रिलीज़ हुई इस फिल्म में अक्षय खन्ना, ऐश्वर्या राय और अनिल कपूर ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं। एक त्रिकोणीय प्रेम कहानी को शानदार निर्देशन, दमदार अभिनय और बेमिसाल संगीत के साथ पेश करने वाली ये फिल्म आज भी कई मायनों में खास मानी जाती है।
जब आमिर और गोविंदा ने ठुकराया अनिल कपूर वाला रोल- Taal Unknown Facts
फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा ये भी है कि जो किरदार अंत में अनिल कपूर को मिला, वह शुरुआत में आमिर खान और गोविंदा को ऑफर किया गया था। IMDb की रिपोर्ट के मुताबिक, सुभाष घई ने पहले आमिर को स्क्रिप्ट सुनाई थी लेकिन उन्हें यह कहानी खास नहीं लगी। इसके बाद गोविंदा को अप्रोच किया गया, मगर वो उन दिनों हसीना मान जाएगी की शूटिंग में व्यस्त थे। आखिर में ये रोल अनिल कपूर को मिला और उन्होंने इस किरदार को अपनी स्टाइल में निभाकर सबका दिल जीत लिया।
ताल की कहानी: प्रेम, संघर्ष और आत्मविश्वास
चलिए आपको फिल्म की कहानी से थोड़ा रूबरू करवाते हैं। फिल्म की कहानी शुरू होती है हिमालय की वादियों में रहने वाली मानसी शंकर (ऐश्वर्या राय) से, जो अपने पिता तारा बाबू (आलोक नाथ) के साथ शहर आती है। वहां उनकी मुलाकात पुराने परिचित जगमोहन मेहता (अमरीश पुरी) से होती है, जिनका बेटा मानव मेहता (अक्षय खन्ना) पढ़ाई पूरी करके विदेश से लौटा होता है।
मानव और मानसी एक-दूसरे को दिल दे बैठते हैं, लेकिन उनके रिश्ते को मानव के परिवार से मंजूरी नहीं मिलती। तिरस्कार के बाद मानसी ठान लेती है कि वह कुछ बनकर दिखाएगी। उसकी इसी राह में उसे मिलता है मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर विक्रांत कपूर (अनिल कपूर), जो उसे एक स्टार बना देता है। कहानी वहीं से नया मोड़ लेती है और दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता
ताल को सिर्फ कहानी या कलाकारों की वजह से नहीं बल्कि उसके संगीत और प्रस्तुति के लिए भी सराहा गया। फिल्म का बजट लगभग 15 करोड़ रुपये था और इसने वर्ल्डवाइड करीब 50 करोड़ रुपये की कमाई की। यानी निवेश के मुकाबले तीन गुना रिटर्न। फिल्म को व्यावसायिक रूप से ‘हिट’ माना गया और इसने भारत ही नहीं, विदेशों में भी अच्छा प्रदर्शन किया।
संगीत जिसने फिल्म को अमर बना दिया
ए. आर. रहमान का संगीत इस फिल्म की जान रहा। ‘इश्क बिना’, ‘रमता जोगी’, ‘कहीं आग लगे’, ‘नहीं सामने ये अलग बात है’ जैसे गाने आज भी म्यूजिक प्रेमियों की प्लेलिस्ट में शामिल होते हैं। फिल्म के सभी गानों ने उस वक्त चार्टबस्टर की सूची में जगह बनाई थी और रहमान को इस फिल्म के लिए कई पुरस्कार भी मिले।
ओटीटी पर कहां देख सकते हैं ताल?
अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी है या दोबारा देखना चाहते हैं, तो ताल अब Zee5 पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा यह फिल्म कुछ अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रेंट के विकल्प में भी मौजूद है।
‘ताल 2’ पर क्या सोचते हैं सुभाष घई?
वहीं, जब लोगों ने सुभाष घई से पूछा कि क्या वो ताल 2 बनाएंगे, तो उन्होंने साफ कह दिया कि बिना दमदार कहानी के वे कोई सीक्वल नहीं बनाएंगे। उनका कहना था कि कई निर्देशक सिर्फ कमाई के लिए पुराने नाम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। उनका मानना है कि दर्शकों के साथ ईमानदारी जरूरी है, और तभी कोई फिल्म टिक सकती है।
क्यों कहा जाता है सुभाष घई को ‘शोमैन’?
सुभाष घई को यूं ही ‘शोमैन’ नहीं कहा जाता। वे अपनी हर फिल्म को एक मजबूत स्क्रिप्ट, दमदार संवाद और यादगार म्यूजिक के साथ पेश करते हैं। ताल भी इसी सोच की उपज थी। आज जब बॉलीवुड कंटेंट की कमी से जूझ रहा है, तब घई जैसे फिल्ममेकर की दृष्टि और समझ की कमी साफ महसूस होती है।
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