Zubeen Garg Case: असम के मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े मामले में अब जांच एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। काफी वक्त से लोग ये जानना चाह रहे थे कि जुबीन की मौत हादसा थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी। अब दिल्ली की CFSL लैब से आई विसेरा रिपोर्ट ने इस केस में कुछ बड़े सुराग दे दिए हैं। खुद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस रिपोर्ट के आने के बाद कहा है कि अब जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है और बहुत जल्द पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।
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CFSL की विसेरा रिपोर्ट ने खोले नए रास्ते- Zubeen Garg Case
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को बताया कि दिल्ली स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (CFSL) ने विसेरा सैंपल की रिपोर्ट भेजी है, जिसने मामले की दिशा तय कर दी है। मुख्यमंत्री ने फेसबुक लाइव के जरिए कहा कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अब उन्हें भरोसा है कि जल्द ही इस केस की पूरी कहानी अदालत में पेश की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि रिपोर्ट शुक्रवार को CFSL से असम पुलिस को दी गई, और अब इसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है, जहां विशेषज्ञ टीम इसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ जोड़ेंगे।
यह मामला पहले ही दो पोस्टमॉर्टम रिपोर्टों के विवाद में उलझ चुका था पहला सिंगापुर में हुआ, दूसरा गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज की टीम द्वारा। अब CFSL की वैज्ञानिक रिपोर्ट से अच्छे-खासे भरोसेमंद नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
जांच एजेंसियों की पकड़: अब तक सात गिरफ्तार
CID (क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। नामों की सूची में शामिल हैं:
- नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) के आयोजक श्यामकानू महंता
- जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा
- बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी
- गायिका अमृतप्रभा महंता
- जुबीन के चचेरे भाई और असम पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग
- दो निजी सुरक्षा गार्ड परेश बैश्य और नंदेश्वर बोराह
परेश और नंदेश्वर पर आरोप हैं कि उन्होंने जुबीन के पैसे गलत तरीके से इस्तेमाल किए। साथ ही, श्यामकानू महंता पर आर्थिक अनियमितताओं की जांच भी हो रही है।
मामला कैसे आगे बढ़ा?
जुबीन गर्ग सिंगापुर में NEIF (नॉार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल) में गए थे। उसी दौरान असमिया एनआरआई लोगों द्वारा आयोजित यॉट पार्टी में वे समुद्र तैरने गए। अचानक उनकी हालत बिगड़ी और बाद में अस्पताल ले जाते वक्त उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
सरमा ने बताया कि इस केस से जुड़े कुल 11 असमिया एनआरआई हैं। उनमें से एक पहले ही गुवाहाटी आकर बयान दर्ज करा चुका है, जबकि चार और सोमवार को बयान देने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बाकियों को चेतावनी दी है कि अगर वे स्वयं जांच में शामिल नहीं हुए, तो उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाया जाएगा।
हादसा या साजिश? अभी फैसला नहीं हुआ
मुख्य सवाल अब ये है क्या यह महज एक हादसा था या एक सोची-समझी साजिश? CFSL की रिपोर्ट ने जांच को एक नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री सरमा ने भरोसा जताया कि न्याय की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी और उन्होंने दोहराया कि जुबीन गर्ग को न्याय दिलाने का उनका वादा जल्द पूरा होगा।
जांच की यह दिशा अब केवल वैज्ञानिक रिपोर्टों, गवाहों और आरोपियों के बयानों पर निर्भर करेगी। कई खुलासे होने की उम्मीद है जैसे कि विसेरा सैंपल ने क्या संकेत दिए हैं, किसने, कैसे और क्यों इस घटना को अंजाम दिया, और कौन-कौन इसके पीछे हैं।
अभी तक पूरा सच सामने नहीं आया है, लेकिन CFSL की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला एक साधारण दुर्घटना नहीं यह कहीं गहरी रस्साकशी और साजिश का हिस्सा हो सकता है।