मुंबई: महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरी में आरक्षण से जुड़ा मराठा आंदोलन शुरू किया गया जो सोमवार को हिंसक हो गया। इतना ही नहीं कई सरकारी-गैरसरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया। दरअसल, स्थित परभणी में मराठा आंदोलन हिंसक हो गया है। जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। जिन्हे पास के अस्पताल में तत्काल भर्ती कराया गया। वहीं, मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने बसों में लगी आग पर काबी पा लिया।
जानकारी दे दें कि मराठा समुदाय के लोग अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते रहे हैं। वे अपनी मांग पर जोर देने के लिए पिछले साल से विरोध प्रदर्शन रैलियां करते रहे हैं। उनका सवाल है कि सरकारी विभागों में महज दो प्रतिशत नौकरियों का सृजन हुआ है। इतनी कम नौकरियों से आरक्षण की समस्या कैसे सुलझ सकती है? मामला इस समय बंबई उच्च न्यायालय में लंबित।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस साल अपनी सालाना पंढरपुर यात्रा पर नहीं जा रहे हैं। वे सोमवार को यात्रा पर जाने वाले थे। अपनी यात्रा रद्द करने की घोषणा की जानकारी मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले दी। मुख्यमंत्री ने फडणवीस ने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में चल रहे मराठा आंदोलन के दौरान हिंसा की आशंका से अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है।
मराठा और ढांगर समुदायों के आंदोलनकारियों ने धमकी दी थी कि वे पंढरपुर में फडणवीस को इस बार पूजा-अर्चना नहीं करने देंगे क्योंकि उन्होंने इन समाजों को आरक्षण देने का अपना वादा नहीं निभाया। इन धमकियों के बाद फडणवीस ने अपनी यात्रा रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि कुछ संगठन और लोग अन्य लोगों की जिंदगी खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
सोमवार को विट्ठल पूजा के मौके पर मराठा समुदाय के कुछ नेताओं ने सूरत में पंढरपुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की यात्रा को बाधित करने की धमकी दी थी, जिसके चलते उन्होंने घर पर ही पूजा की थी। इसी मामले पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर प्रस्तावित महा भर्ती अभियान में मराठा समुदाय के लिए नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर समुदाय को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया था।
ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं. वह यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि बंबई हाईकोर्ट के समुदाय के लिए आरक्षण को मंजूरी देने पर सरकार बैकलॉग के रूप में मराठा उम्मीदवारों को 72,000 पदों में से 16 प्रतिशत पद आवंटित कर देगी. वह आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं।