blackbuck leaving Bengaluru: सोशल मीडिया पर एक खबर काफी वायरल हो रही है, कर्नाटक के सबसे बड़े औधोगिक शहर बैंगलुरु में मौजूद एक 10 करोड़ रूपये की कपंनी मालिक ने अचानक कंपनी को वहां बंद करने का फैसला कर लिया है। अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ…तो आपको बता दे कि इसका कारण है बैंगलुरु की सड़को पर मौजूद गड्ढे। जी हां, सड़को पर गड्ढो के कारण 10 हजार करोड़ की कंपनी हमेशा के लिए बैंगलुरु से बाहर जा रही है। क्या है पूरा मामला जानते है विस्तार से।
क्या है पूरा मामला
दरअसल बेंगलुरु में मौजूद डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म – ब्लैकबक के सीईओ और को फाउंडर राजेश कुमार याबाजी(Rajesh Kumar Yabaji, CEO and Co-Founder, BlackBuck) ने अपने सोशल मीडिया हैंडलर पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने कहा कि –
बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के बेलंदूर में मौजूद ब्लैकबक के ऑफिस में अब काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है। इसलिए हमने अब यहां से जाने का फैसला किया है। उन्होंने आगे भी कहा कि मुझे और सहकर्मियों को ऑफिस आने में करीब डेढ़ घंटे लग जाते है। हम अब बैंगलुरू की धूल और टूटी सड़को से तंग आ गए है। जबकि अभी आने वाले 5 सालों में सड़के ठीक करवाने की कोई नियत किसी की नहीं दिखाई दे रही है। इन हालातो को देखकर कंपनी को यहां से हटाना ही बेहतर है।
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10 साल पुरानी है कंपनी
आपको बता दे कि ब्लैकबग कंपनी 2015 में शुरु हुई थी, जिसका अधिकारिक नाम ज़िंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस (Zinka logistics Solution) है। आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के बेलंदूर में इसका हेडऑफिस है। बेंगलुरु शहर के आईटी कॉरिडोर में शामिल है। चुंकि ये एक सबसे व्यस्त क्षेत्र है इसलिए यहां वाहनों का आवागमन बहुत ज्यादा रहता है, मौसम और प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां की सड़के गड्डो से भरी पड़ी है। इस कारण दुखी होकर ब्लैकबक के सीओ ने इतना बड़ा फैसला किया है।
बताते चले कि ब्लैकबग ने पिछले 10 सालो में अपनी वैल्यू काफी बढ़ाई और बिजनस टूडे के मुताबिक 2025 के आधे साल बाद इसकी कुल वैल्यू 10 हजार 900 करोड़ रूपय है। ब्लैकबग ट्रक ऑपरेटरों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है, जिसके जरिये ऑनलाइन सर्विसेस दी जाती है। इसमें ट्रक ड्राइवरों को वाहन ट्रैकिंग, माल ढुलाई के लिए बाज़ार, पेमेंट जैसी सुविधायें देता है साथ ही उनके काम को और आसान बनाने के लिए फाइनेंस भी करता है। ट्रक ड्राइवर ऑपरेटर टेलीमैटिक्स का इस्तेमाल करके अपने गाड़ी में तेल भराने से लेकर टोल टैक्स तक का हिसाब रख सकते है, सात ही ये ट्रक की ट्रेकिंग करता है ताकि ड्राइवर और लोड किए गए सामान की सही जानकारी मालिकों के पास हो।
क्या बोले कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री
बैंगलुरु छोड़ कर जाने के इस फैसले के सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया पर कहने से ये मुद्दा काफी बड़ा हो गया है। जिसके बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बैंगलुरु की प्रतिष्ठा का बचाव करते हुए कहा कि हम किसी भी कंपनी को आने या जाने से नहीं रोक सकते है, ये उनका अपना फैसला है, लेकिन बैंगलुरु में आकर कंपनी शुरु करना या यहां काम करने की शुरुआत ही इसलिए की थी क्योंकि बेंगलुरु में सरकार जो सुविधा मुहैया कराती है उन बुनियादी ढाँचे की बराबरी कोई नहीं कर सकता है।
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शिवकुमार ने आगे कहा कि केवल गड्ढों के कारण इतनी बड़ी कंपनी छोड़ कर जाने का फैसला हजम होने लायक नहीं है। ये व्यवसाय के संबंधित फैसला हो सकता है। लेकिन वो इस तरह से सरकार को नहीं घेर सकते है। उनके इस तरह के बयान से कोई बैंगलुरु छोड़ कर नहीं जाने वाला है।