12 देशों ने लगाई इस वैक्सीन पर रोक…तो क्या अब भारत में भी कोविशील्ड को लेकर लिया जाएगा कोई बड़ा फैसला?

12 देशों ने लगाई इस वैक्सीन पर रोक…तो क्या अब भारत में भी कोविशील्ड को लेकर लिया जाएगा कोई बड़ा फैसला?

साल 2020 में कोरोना महामारी का भयंकर रूप दुनिया में देखने को मिला।
ऐसा कम ही देश होंगे जहां कोरोना वायरस ने अपना कहर ना बरपाया हो। कोरोना के बढ़ते
खतरे के बीच कई देशों ने वैक्सीन बनाने पर बहुत तेजी से काम किया
, जिससे जल्द से जल्द इस महामारी से छुटकारा पाया जा
सके।

आमतौर पर किसी भी
बीमारी की वैक्सीन बनने में सालों का वक्त लग जाता है
, लेकिन कोरोना का खतरा दुनियाभर में इतनी तेजी से फैल
रहा था कि इसे कंट्रोल करने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने की बहुत जरूरत थी।
इस वजह से कई कंपनियों ने कुछ ही महीनों में इसे तैयार कर दिया। कोरोना के खतरे के
बीच ही दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से जारी है। लेकिन इसी बीच एक
परेशान करने वाली खबर भी आई है।

इस वजह से लगाई गई रोक

दरअसल, एक्सट्रेजेनका की कोरोना वैक्सीन जिसका इस्तेमाल इस
वक्त दुनियाभर में किया जा रहा है
, उस पर कुछ देशों में
अस्थाई रोक लग गई। करीब एक दर्जन देशों में इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर अस्थाई रोक
लगाई गई है
, जिसमें यूरोपीय यूनियन के तीन बड़े देश जर्मनी,
फ्रांस और इटली भी शामिल हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि
वैक्सीन लगने के बाद खून का धक्का जमने के कुछ गंभीर मामले सामने आए थे। जिसके
चलते करीबन एक दर्जन देशों में वैक्सीन पर रोक लगाई गई।

भारत में
कोविशील्ड के नाम से मिल रही वैक्सीन

भारत में भी इस
वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है
, कोविशील्ड
के नाम से। जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रही हैं। ऐसे में अब सवाल ये
उठ रहा है कि इन देशों में वैक्सीन पर अस्थाई रोक लगाने के बाद अब भारत क्या करेगा
? खूब के धक्के जमने
के गंभीर मामले सामने आने के बाद क्या भारत को भी इससे टेंशन लेने की जरूरत है
क्या भारत में इस वैक्सीन
पर रोक लगेगी
?

अब भारत क्या करेगा?

खबरों के अनुसार भारत
में अभी वैक्सीन पर रोक लगाने को लेकर विचार नहीं हो रहा। मीडिया रिपोर्ट्स की
मानें तो भारत में जिन लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई
, उनमें ब्लड क्लॉटिंग का शिकायत सामने नहीं आई। जिसकी
वजह से अभी यहां वैक्सीन पर रोक लगाने को लेकर विचार नहीं किया जा रहा।

अब सवाल उठता है कि जब दूसरे
देशों वैक्सीन पर अस्थाई रोक लगा दी
, तो भारत में क्यों नहींक्यों भारत को टेंशन की बात नहीं हैदरअसल,
ऐसा इसलिए क्योंकि जिन देशों ने अब तक एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर
रोक लगाई
, उसमें से किसी को भी सीरम इंस्टीट्यूट में वैक्सीन
सप्लाई नहीं की। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के द्वारा तैयार वैक्सीन ही लोगों
को दी जा रही है। वहीं भारत में अब तक ऐसा एक भी मामला भी नहीं सामने आया
, जिससे वैक्सीन लगने के बाद लोगों को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हुई हो। साथ में 
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी
वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताता हुआ नजर आ रहा है।

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