ADANI PORT नशे की सप्लाई के लिए हुआ बदनाम, आखिर क्यों अडानी पर नहीं होता कोई ACTION ?

ADANI PORT नशे की सप्लाई के लिए हुआ बदनाम, आखिर क्यों अडानी पर नहीं होता कोई ACTION ?

मुंद्रा बंदरगाह नशे की सप्लाई के लिए हुआ बदनाम

मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port) जो अडानी (Gautam Adani) पोर्ट के नाम से भी जाना जाता है वह नशे की सप्लाई के लिए बदनाम हो चुका है। यह पोर्ट वही गुजरात (Gujarat) में है जहाँ से हमारे अभी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हैं और इसे भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। यह उन्हीं गांधी का गुजरात है जो कई सत्याग्रहों के लिए जाना जाता है। पर हाल के कुछ सालों में गुजरात का यह पोर्ट देश में नशे का केंद्र बनता जा रहा है।

Also read- न्यूज़ एंकर और सरकार को पड़ी सुप्रीम कोर्ट की लताड़, आंखें मूंदकर बैठने से नहीं चलने वाला काम.

जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आई है उसके बाद से अडानी भी अमीरों की लिस्ट में ऊपर चढ़ते जा रहे हैं और गुजरात में इस अडानी के पोर्ट पर ड्रग्स के एसाइनमेंट की तादात भी बढ़ते ही जा रही है। दूसरी तरफ इन ड्रग्स तस्करी के ऐसे मामलों में कभी पुलिस किसी टिम्बर वाले को उठा ले जाती है तो कभी पीवीसी पाइप बनाने वाले को लेकिन बंदरगाह के मालिक से कभी कोई पूछ-ताछ नहीं होती। यह मुंद्रा बंदरगाह वही पोर्ट है, जहां से 3,000 किलो ड्रग्स बरामद हुई थी जिसकी कीमत इंटरनेशनल मार्केट में लगभग 21 हजार करोड़ बताई जा रही थी।

मीडिया और सरकार भी अडानी के साथ

आपको याद होगा अर्णव गोस्वामी का वह वीडियो जिसमे उन्होंने ड्रग्स दो, ड्रग्स दो की रट्ट लगा रखी थी पर वह किसी बड़े ड्रग्स एसाइनमेंट के पकड़े जाने पर नहीं बल्कि SSR मामले में रिया चक्रवर्ती के पास से मिली 100 ग्राम ड्रग्स पर एक टिपण्णी कर रहे थे। हमारी सरकार और मीडिया की यही खासियत भी है की एक तरफ वह 100 ग्राम ड्रग्स के लिए अपना सब कुछ लगा देते है। जैसे की सारी जांच एजेंसियां उनके पीछे होती हैं और सारे मीडिया चैनल्स पर दिन रात उन्ही की धज्जियां उड़ाई जाती है। दूसरी तरफ गुजरात में अडानी के पोर्ट से इतनी बार और इतने बड़े-बड़े ड्रग्स एसाइनमेंट पकड़े जाते हैं पर सरकार और मीडिया के कान में जू तक नहीं रेंगता। इससे यह तो समझ आता है की जो-जो सरकार के साथ है, सरकार भी उनके साथ खड़ी है। आने वाले साल 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव है जबकि 2024 में देश में लोकसभा चुनाव। यह देखना दिलचस्प होगा की सरकार इन ड्रग्स तस्करी के मुद्दों का सच्च जनता के सामने लाकर जनता का दिल जीतेगी या विपक्ष इन मुद्दों के जरिये गुजरात और देश में अपनी जगह बनाएगी।

 मुंद्रा पोर्ट नार्को टेररिज्म का सबसे बड़ा रास्ता

आपको आज हम यह भी बता दे की अडानी का यह बंदरगाह इस वक्त देश में नकली दवाओं और ड्रग्स की ट्रैफिकिंग का ही नहीं बल्कि नार्को टेररिज्म का भी सबसे बड़ा जरिया बना हुआ है। इसके बावजूद सरकार अडानी को नए बंदरगाह सौंपती जा रही हैं और नए टर्मिनल बनाने की इजाजत भी दे रही हैं। इन सभी चीजों को लेकर सरकार और अडानी समूह पर बहुत सारे सवाल उठते रहे हैं पर जवाब नाही सरकार देती है और ना अडानी समूह। एक सवाल जो इन ड्रग्स एसाइनमेंट, अडानी समूह और सरकार से सीधा जुड़ा हुआ है कि , आखिर इन ड्रग्स एसाइनमेंट की जिम्मेदारी किसकी बनती है, सरकार की या अडानी समूह की? सरकार अलग-अलग ड्रग्स मामलों पर अपना दोहरा चरित्र क्यों दिखा रही है? आइये सबसे पहले जान लेते है की गुजरात के सिर्फ अडानी के पोर्ट से कितनी दफा ड्रग्स एसाइनमेंट पकड़ा जा चूका है।

Also read- न्यूज़ एंकर और सरकार को पड़ी सुप्रीम कोर्ट की लताड़, आंखें मूंदकर बैठने से नहीं चलने वाला काम.

अडानी पोर्ट ड्रग्स एसाइनमेंट लिस्ट

2014 के बाद अडानी अमीरों की लिस्ट में, अडानी पोर्ट ड्रग्स एसाइनमेंट की लिस्ट में सबसे ऊपर

20 दिसंबर 2016 को अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर आ रहे एक जहाज से श्रीलंका में 800 किलो कोकीन पकड़ी थी जिसकी कीमत 12 सौ करोड़ से ज्यादा बताई जाती है।

पिछले साल अडानी के हजीरा पोर्ट से 120 करोड़ की नशीली दवाएं बरामद की गई थी। इस ड्रग्स को ISIS ड्रग्स भी कहते है। आपको नाम से ही पता चल गया होगा की यह आतंकवादी संगठनों से जुड़ी हुई दवाइयां हैं।

21 हजार करोड़ की ड्रग्स: गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर पिछले साल सितंबर महीने में मुंद्रा बंदरगाह से 21 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हुई थी. इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने अभी तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इन गिरफ्तारियों के अलावा जनता के सामने पूरी कहानी नहीं आई है।

20 करोड़ की ड्रग्स : गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर अफगानिस्तान से लाई गई ड्रग्स, जिसे वहां से दिल्ली भेजा जाना था , गुजरात एटीएस और दिल्ली पुलिस क्राइम बांच ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर करीब 20 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की थी।

376 करोड़ की हेरोइन: गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह के पास से करीब 75.3 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई. गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने बताया कि कंटेनर में रखे कपड़े के 540 थान का बारीकी से निरीक्षण करने पर उनमें से 64 के अंदर हेरोइन पाउडर मिला था।

17 करोड़ की विदेशी सिगरेट बरामद: 6 मई को खुफिया राजस्व निदेशालय (DRI) ने मुंद्रा पोर्ट से अवैध आयात के मामले में एक नौवहन कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के मुताबिक, करीब 17 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी ब्रांड की फिल्टर सिगरेट आयात की गई थी जिसकी कीमत 17 करोड़ रुपये बताई जाती है।

पहले 20 करोड़ और अब 48 करोड़ की ई-सिगरेट बरामद: 18 सितंबर को जानकारी आई कि सूरत और अहमदाबाद की डीआरआई की टीम ने संयुक्त अभियान में 48 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट जब्त की है. बताया गया कि चीन से मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे दो कंटेनरों की डीआरआई टीम ने जांच की, जिसमें 48 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट (E-Cigarette) मिली। इससे पहले भी इसी पोर्ट से DRI की टीम को 20 करोड़ के ई-सिगरेट मिले थे।

गुजरात ड्रग्स का सेंटर और अडानी मुंद्रा पोर्ट बना ड्रग तस्करी का अड्डा

इन सारे मामलों को देख कर इस बात का अंदाजा तो आपको लग ही गया होगा की गुजरात ड्रग्स का सेंटर बन गया है और अडानी का मुंद्रा पोर्ट ड्रग तस्करी का अड्डा। केंद्र और गुजरात सरकार फिर भी इस पोर्ट और अडानी के खिलाफ कोई एक्शन लेती हुई नहीं नजर आ रही है। अडानी समूह ने एक बार इन ड्रग्स मामलों पर टिपण्णी करते हुए बोला था कि शिप से आ रहे कंटेनरों की जांच करने का अधिकार केवल सरकार और जांच एजेंसियों के पास है। यह हमारे अधिकार से बाहर है। दूसरी तरफ सरकार की ओर रुख करे तो कुछ गिरफ्तारियों के अलावा इन ड्रग्स तस्कारियों के पीछे का पूरा सच्च अभी तक सामने नहीं आया। यह केंद्र सरकार का दोहरा चरित्र ही दिखाती है की एक ओर 100 ग्राम ड्रग्स के लिए इतनी जद्दो-जहद और दूसरी तरफ इतने बड़े-बड़े ड्रग्स तस्करी पर जो खुद उनके गढ़ गुजरात में हो रहा है उसपर केवल सिर्फ तस्करों की गोरफ्तारियां। आखिर केंद्र सरकार का इस देश की जनता के साथ यह कैसा न्याय है।

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

गुजरात में साल 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव है तो 2024 में देश भर में लोकसभा चुनाव, पर केंद्र और गुजरात राज्य सरकार इन ड्रग्स मामलों पर कोई शिकंजा कस्ते नहीं दिख रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि गुजरात देश में ड्रग्स का केंद्र बन गया है, पर इसमें अडानी का नाम जुड़ा है तो सरकार भी बेफिक्र हो कर बैठी हुई है। गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सभी ड्रग्स को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से ले जाया जाता है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती… यह गुजरात मॉडल है!”

विपक्ष और सरकार की लड़ाई

अब जनता के सामने सवाल यह होगा की आने वाले चुनाव में नरेंद्र मोदी के नाम पे बटन दबती है या फिर मोदी सरकार को इन ड्रग्स तस्करी के चक्कर में कटघरे में खड़ा करती है। विपक्ष के लिए भी यह मुद्दा गंभीर होगा और देखने योग्य होगा की विपक्ष इन मुद्दों को आने वाले चुनाव में भुना पति है या एक बार फिर से एक कमजोर विपक्ष का चोला पहनकर कहीं कोने में बैठी रहती है।

Also read- चीते लाकर अपनी पीठ थप-थपाने वाली सरकार, दम तोड़ती हज़ारों गायों पर मौन क्यों ? thousands of desi cows die unnoticed.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here