तलाक के 5 साल बाद पति को हार्ट अटैक आया तो लौट आई पत्नी, दोबारा की शादी

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कहते है जोड़ियां ऊपर आसमानों में बनकर आती है उन्हें हम इंसान नहीं तोड़ सकते और इस बात को गाजियाबाद के एक कपल ने साबित कर दिया है, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से शादी, तलाक़ और दोबारा शादी की एक दिल छू लेने वाली एक कपल की कहानी सामने आई है. यह कपल अपने तलाक के बाद वापिस शादी कर चुका है और ये सब तब हुआ जब पति की ओपन हार्ट सर्जरी हुई तो पत्नी उसका ध्यान रखने आई. साथ रहते रहते दिल के तार फिर से मिल गए और वापिस न जा सकी. इस कपल ने पहले शादी की, फिर तलाक हुआ और फिर दोबारा शादी कर ली

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गाजियाबाद के रहने वाले विनय जायसवाल ने आपने और आपनी पत्नी पूजा की कहानी अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर शेयर की है. पोस्ट में बताया की दोनों ने पहली शादी 2012 में की थी और शादी के तुरंत बाद से उनके बीच मतभेद होने लगे थे, मतभेद धीरे-धीरे इतने बढ़ गए की दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया। फैमिली कोर्ट से मामला हाई कोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. 5 साल चले केस के बाद साल 2018 में दोनों ने तलाक़ ले लिया।

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लेकिन इनकी कहानी में मोड़ तब आया जब 5 साल बाद 2023 में विनय जायसवाल को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें ओपन हार्ट सर्जरी करानी पड़ी और पूजा को विनय की बीमारी का पता चलते ही उनके पास अस्पताल पहुँच गई. अस्पताल रहकर पूजा ने विनय की देखभाल की और इस बीच दोनों के बीच फिर से नजदीकियां बढने लगी. दोनों ने फिर से एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया और बीती 23 नवंबर को विनय और पूजा ने अपने परिवार और करीबियों की मौजूदगी में फिर शादी कर ली. जिसकी जानकारी विनय ने फेसबुक परे पोस्ट करके दी.

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विनय ने अपनी प्रेम कहानी फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा…

*11 साल बाद फिर से एक साथ*

हम कई बार ऐसा सोचते हैं कि काश हम समय में पीछे लौट पाते और बिगड़ी बातों को फिर से बना पाते. हम ऐसा सोचते ज़रूर हैं लेकिन ऐसा हो नहीं  पाता क्योंकि बहुत से अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवाल ऐसे होते हैं जो हमारी समय के साथ पुरानी पड़ चुकी बिगड़ी बातों को भी सही करने में सबसे बड़ी रूकावट का काम करते हैं. इन सभी अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवालों को पीछे धकेलते हुए, हमने एक दूसरे से अलग होने के 11 साल  बाद फिर से एक होने का निश्चय किया और परिवारजनों की उपस्थिति में एक पारिवारिक आयोजन के दौरान विधिवत विवाह संस्कार और विवाह रजिस्ट्रेशन के साथ तलाक की डिक्री को शून्य कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के साथ हैं.

हम दोनों ने विवाह दिसम्बर, 2012 में किया था और आपसी सहमति से हमारे बीच 2018 में तलाक हुआ था. तलाक की डिक्री के दिन हमने साथ में बेहद ही सौहार्द वातावरण में डिनर किया था और एक दूसरे को अलविदा कहा था.

इतने सालों के दौरान संवाद टूट गया था, शायद दिल के तार नहीं. इसलिए जब हार्ट अटैक हुआ तो वह भागी चली आई और ओपन हार्ट सर्जरी के बाद सीसीयू से लेकर घर तक पूरी रिकवरी के दौरान साथ निभाया. मेरे हार्ट अटैक ने हम दोनों के दिलों बीच जमी दूरियों की बर्फ को पिघलाने का काम किया और हम फिर से एक हो गए…

इस बेहद शुभ मौके पर, हम अपने सभी प्रिय, खास और बेहद अजीज साथियों, सम्बन्धियों, सहयोगियों, करीबियों और शुभचिन्तकों के सानिध्य से वंचित रह गए. निश्चित ही इस खास मौके पर आप सभी की बेहद कमी खली. मुझे मालूम है कि आप सभी का आशीर्वाद, स्नेह, प्यार और शुभकामनायें हमारे साथ हैं और हमेशा हमारे साथ रहेंगी.

हम आपके सानिध्य और आशीर्वाद के आकांक्षी हैं और आपकी सुविधानुसार आप हमारे आवास पर सादर आमंत्रित हैं. आपसे मिलने और आपसे आशीर्वाद लेने का यह सिलसिला चलता रहे और आप सभी का सानिध्य और प्यार बना रहे.

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