Agni V Bunker Buster Missiles: भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल मई में हुई भीषण सैन्य संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्तों में एक नया मोड़ लाया। इस दौरान भारत की ओर से दागी गई मिसाइलों के सामने पाकिस्तान बेबस नजर आया। अब पाकिस्तान में भारत की मिसाइल क्षमता को लेकर खौफ और बढ़ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत अपनी अग्नि-V बैलिस्टिक मिसाइलों को अब उच्च-शक्ति वाली पारंपरिक बंकर-बस्टर मिसाइल बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इससे पाकिस्तान की सेना और उसके अंडरग्राउंड ठिकानों पर खतरा और बढ़ सकता है।
अग्नि-V की नई ताकत: बंकर-बस्टर मिसाइल- Agni V Bunker Buster Missiles
पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) अग्नि-V को परमाणु पेलोड के बजाय पारंपरिक 7,500 किलोग्राम के विशाल वारहेड से लैस कर रहा है। इस भारी वारहेड की खासियत यह है कि यह जमीन के अंदर 80-100 मीटर तक घुस सकता है और इसके बाद वह दबे हुए लक्ष्य को नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह मिसाइल पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बन गई है, क्योंकि इससे उनके अंडरग्राउंड ठिकाने और कमांड सेंटरों को निशाना बनाया जा सकता है।
भारत का यह नया अग्नि-5 संस्करण पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के गहरे भूमिगत ठिकानों को निशाना बना सकता है। इसमें जिस तरह से बंकर-बस्टर बम की तरह जमीन के अंदर घुसने की क्षमता है, वही इसे और भी खतरनाक बनाता है। अमेरिका के GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बंकर-बस्टर बम के समान, यह मिसाइल भारतीय सेना को लंबी दूरी से स्थित मजबूत और अंडरग्राउंड लक्ष्यों पर बिना चेतावनी के हमला करने की अनुमति देती है।
पाकिस्तान के लिए बढ़ती चिंता
पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस नए कदम से उनकी सुरक्षा को बड़ा खतरा है। अगर भारत की यह मिसाइल अपनी क्षमता में सफल हो जाती है, तो पाकिस्तान की सेना और महत्वपूर्ण ठिकाने निशाने पर आ सकते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान को यह चिंता भी है कि इस पारंपरिक बंकर-बस्टर के इस्तेमाल से भारत के परमाणु सिद्धांत यानी ‘पहले इस्तेमाल न करने’ (NFU) के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं होगा। भारत के लिए यह अहम है कि वह परमाणु हमला किए बिना पाकिस्तान के परमाणु बंकरों को बेअसर कर सके।
भारत के पास पहले से ही उच्च-प्रौद्योगिकी मिसाइल प्रणाली है, लेकिन पाकिस्तान के पास भौगोलिक रूप से सीमित शस्त्रागार और एक अलग परमाणु नीति है। पाकिस्तान ने अपनी परमाणु नीति में पहले परमाणु हथियार के इस्तेमाल के विकल्प को खुला रखा है, जो अस्तित्वगत खतरे से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह है कि अगर भारत की ओर से कोई जबरदस्त पारंपरिक हमला होता है, तो पाकिस्तान इसे एक अस्तित्वगत खतरे के रूप में देख सकता है और प्रतिक्रिया में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
चीन और अमेरिका से सीखने की सलाह
पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की बढ़ती मिसाइल क्षमता के बीच, पाकिस्तान को अब अपनी सुरक्षा के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया है कि पाकिस्तान को चीन और अमेरिका से इस मामले में सीखना चाहिए। अमेरिकी सुरक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए, जहां दूसरे विश्व युद्ध के बाद एहतियाती कदम उठाए गए थे, वहीं चीन ने पिछले कुछ दशकों में खुद को काफी मजबूत किया है। पाकिस्तान को इन दोनों देशों के अनुभव से सीखते हुए अपनी सुरक्षा नीति में बदलाव लाने की जरूरत है, ताकि इस बढ़ते खतरे का सामना किया जा सके।