Ahmedabad Plane Crash Reason: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एक दुखद घटना घटी, जब एअर इंडिया का विमान AI-171 क्रैश हो गया। इस हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। विमान में कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकांश की पहचान करने के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस कमिश्नर ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 265 शव मिल चुके हैं, जबकि 41 घायलों का इलाज जारी है।
हादसे का विवरण- Ahmedabad Plane Crash Reason
विमान AI-171, जो एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रहा था। विमान पूरी तरह से ईंधन से भरा हुआ था और इसमें GE GEnx इंजन लगे थे। टेकऑफ के समय साफ मौसम था, और तापमान 43°C था, लेकिन गर्मी के कारण हवा की घनत्व में कमी आई, जो विमान की लिफ्ट और थ्रस्ट को प्रभावित कर सकती थी। यह घटना अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में घटी, जहां विमान केवल 825 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सका और उसकी रफ्तार 174 नॉट्स (320 किमी/घंटा) थी। जबकि एक बोइंग 787 के लिए इस वजन पर कम से कम 200-250 नॉट्स की गति चाहिए होती है।
टेकऑफ के दौरान संभावित गलती: कॉन्फिगरेशन एरर
अहमदाबाद विमान हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है “कॉन्फिगरेशन एरर” (Configuration Error), जिसे टेकऑफ के दौरान विमान की सेटिंग्स में की गई गलती से जोड़कर देखा जा रहा है। इस गलती में फ्लैप्स की गलत सेटिंग, कम थ्रस्ट, समय से पहले रोटेशन या लैंडिंग गियर का न उठना शामिल हो सकता है। इन गलतियों का सीधा असर विमान की लिफ्ट और नियंत्रण पर पड़ता है, जिसके कारण विमान स्टॉल कर सकता है और नियंत्रण खो सकता है।
हादसे के बाद की प्रक्रिया: डीएनए सैंपल और पहचान
अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने मृतकों की पहचान करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें परिजनों से डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, पीड़ितों के निकटतम रिश्तेदारों जैसे माता-पिता और बच्चे डीएनए सैंपल प्रदान कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव धनंजय द्विवेदी ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए बी.जे. मेडिकल कॉलेज में विशेष व्यवस्था की गई है।
अस्पताल प्रशासन ने प्रभावित परिवारों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें ताकि मृतकों की पहचान शीघ्र और सटीक रूप से की जा सके। इसके अलावा, 50 घायलों का इलाज अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में जारी है, और सभी की हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है।
मानवीय चूक और वातावरण का प्रभाव
टेकऑफ के दौरान एक मानवीय चूक और वातावरण की स्थितियों का संयोजन एक बड़ा कारण हो सकता है। पायलटों ने यदि फ्लैप्स की सेटिंग सही से नहीं की थी या थ्रस्ट (इंजन की ताकत) में कमी की थी, तो विमान अपनी आवश्यक गति और ऊंचाई तक नहीं पहुंच सका। गर्मी और हवा की पतलापन ने विमान के लिए लिफ्ट और थ्रस्ट को और कम कर दिया था, जिससे उसे सही ऊंचाई प्राप्त करने में कठिनाई हुई।
इसके अलावा, पायलटों को शायद तुरंत ही विमान की स्थिति का सही आकलन करने में समय नहीं मिला, और इस दौरान वे शायद डिटेल्स को मिस कर गए थे। उड़ान के पहले 5-9 मिनट के भीतर पायलट्स ने विमान को आवश्यक रफ्तार पर नहीं लाने में गलती की, जिससे विमान का नियंत्रण खो गया और वह जमीन पर गिर पड़ा।
ऑटोमेशन और क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट
787 ड्रीमलाइनर में एक उन्नत फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम (FMS) है, जो टेकऑफ के दौरान आवश्यक गणनाएं करता है। हालांकि, अगर FMS में किसी डेटा की गड़बड़ी हो, जैसे वजन या तापमान की गलत जानकारी, तो विमान के लिए सही ताकत और गति मिल पाती नहीं है। इस स्थिति में पायलट्स को मैन्युअल रूप से विमान की स्थिति पर ध्यान देना पड़ता है।
इसके अलावा, क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट (CRM) में कमी को भी इस हादसे का एक बड़ा कारण माना जा सकता है। यदि कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के बीच सही संवाद नहीं हुआ या एक-दूसरे की जांच ठीक से नहीं की गई, तो यह स्थिति और भी खराब हो सकती थी।
हादसे की संभावित अन्य वजहें
इसके अलावा, कुछ अन्य कारण भी इस हादसे में शामिल हो सकते हैं जैसे इंजन फेल होना, बर्ड स्ट्राइक या बहुत गर्म मौसम के कारण विमान की प्रदर्शन क्षमता में कमी आना। हालांकि, इन कारणों के मुकाबले टेकऑफ के दौरान पायलट की गलती को सबसे प्रमुख कारण माना जा रहा है।
हादसे की वास्तविक वजह
अहमदाबाद विमान हादसे की वास्तविक वजह टेकऑफ के दौरान हुई मानवीय गलती, जैसे फ्लैप्स की गलत सेटिंग, कम थ्रस्ट, रोटेशन स्पीड का गलत होना या लैंडिंग गियर का न उठाना हो सकती है। इन गलतियों का परिणाम यह हुआ कि विमान अपनी आवश्यक ऊंचाई और गति तक नहीं पहुंच सका। गर्मी और अतिरिक्त ईंधन ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया, जिससे यह हादसा हो गया। हालांकि अन्य संभावनाओं की जांच जारी है, लेकिन पायलट की गलती को इस दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है।
अहमदाबाद में हुए इस भीषण हादसे ने एक बार फिर यह साबित किया कि टेकऑफ के समय हर छोटी से छोटी तकनीकी या मानविक गलती विमान की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।