Ajit Doval Russia Visit: जब दुनिया की बड़ी ताकतें आपसी खींचतान में उलझी हों और कूटनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हों, ऐसे समय में भारत ने एक बार फिर अपना संतुलित लेकिन साफ संदेश दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस वक्त रूस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर रिश्तों की मजबूती पर चर्चा की है। और सबसे अहम बात – पुतिन के भारत दौरे की तारीखें अब लगभग तय मानी जा रही हैं।
डोभाल की ये यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका, भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों से असहज नजर आ रहा है। खासकर उस वक्त, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है। लेकिन भारत साफ कर चुका है कि उसकी विदेश नीति पूरी तरह स्वतंत्र है और राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर हैं।
पुतिन से मुलाकात: रिश्तों में भरोसे की गर्मी- Ajit Doval Russia Visit
गुरुवार को मॉस्को में एनएसए डोभाल की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अहम मुलाकात हुई। बातचीत के बाद डोभाल ने कहा कि पुतिन भारत यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और दौरे की तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत-रूस संबंध “खास, पुराने और भरोसेमंद” हैं, और हालिया हाई-लेवल बैठकों ने इस साझेदारी को और मजबूत किया है।
डोभाल की ताबड़तोड़ बैठकों का मकसद
पुतिन से मुलाकात के अलावा, डोभाल ने रूस के पहले उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से भी बातचीत की। दोनों देशों के बीच रक्षा, सैन्य-तकनीकी सहयोग, नागरिक विमान निर्माण, मेटल इंडस्ट्री और केमिकल सेक्टर जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
इसके बाद रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू से भी डोभाल मिले। शोइगू ने भारत-रूस दोस्ती को “समय की कसौटी पर खरी” बताया और ज़ोर दिया कि पुतिन और पीएम मोदी की अगली मुलाकात की तारीख जल्द से जल्द तय होनी चाहिए।
पीएम मोदी और पुतिन की फोन पर बात
इससे कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर लंबी बातचीत भी हो चुकी है। मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी और लिखा,
“आज मेरी दोस्त व्लादिमीर पुतिन से बहुत अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर ताज़ा जानकारी दी, जिसका मैंने स्वागत किया। हमने भारत-रूस के द्विपक्षीय रिश्तों की प्रगति की समीक्षा की और इस साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई।”
मोदी ने साथ ही पुतिन को साल के अंत में भारत आने का न्योता भी दिया है।
अमेरिका को क्या संदेश?
डोभाल की रूस यात्रा और पुतिन के संभावित भारत दौरे को कूटनीतिक नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका, भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर नज़र बनाए हुए है।
इसके साथ ही पीएम मोदी का आगामी चीन दौरा, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से फोन पर बातचीत, और रूस के साथ रणनीतिक संवाद ये सब अमेरिका को एक ही बात साफ-साफ कह रहे हैं
भारत अब ‘तटस्थ’ नहीं, बल्कि ‘स्वतंत्र और संतुलित’ कूटनीति का मजबूत चेहरा बन चुका है।