Akhilesh Yadav vs Aniruddhacharya: “कभी किसी को शूद्र मत कहना!” अखिलेश यादव ने अनिरुद्धाचार्य को बीच सड़क दी अहम सीख – वीडियो हुआ वायरल

Akhilesh Yadav vs Aniruddhacharya
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Akhilesh Yadav vs Aniruddhacharya: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य को कौन नहीं जानता? उनकी कथा शैली और विचारशीलता हमेशा चर्चा में रहती है। उनका नाम उन लोगों में शामिल है, जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होते रहते हैं। हाल ही में एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नजर आ रहे हैं। यह वीडियो वर्तमान समय का नहीं है, लेकिन यह सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा का विषय बन गया है।

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लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई मुलाकात– Akhilesh Yadav vs Aniruddhacharya

वीडियो में दिखाया गया है कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर अखिलेश यादव का काफिला गुजर रहा था। इसी दौरान सामने से कथावाचक अनिरुद्धाचार्य आ रहे थे और उनकी अखिलेश से मुलाकात हो गई। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और बातचीत शुरू हुई। इस मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव ने अनिरुद्धाचार्य से एक सवाल पूछा: “जब कन्हैया को पहली बार आधी रात यशोदा के हाथ में दिया गया, तब मां ने उन्हें सबसे पहले क्या नाम दिया था?”

इस सवाल के जवाब में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा, “भगवान के कई सारे नाम हैं, लेकिन मां ने उन्हें सबसे पहले ‘कन्हैया’ कहकर पुकारा था।” इस पर अखिलेश यादव ने कहा, “बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको। लेकिन अब हमारी और आपकी राहें अलग-अलग हो गईं। और आगे से आप किसी को शूद्र मत कहिए।”

शूद्र से जुड़ी टिप्पणी और राजनीति का सवाल

यहां पर अखिलेश यादव ने अनिरुद्धाचार्य से तीखा सवाल किया था, जिससे यह मुलाकात सिर्फ एक साधारण भेंट नहीं, बल्कि एक विचारधारा की टकराव बन गई। अनिरुद्धाचार्य ने इस सवाल का कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद अखिलेश यादव ने कड़ा संदेश देते हुए कहा, “अब आगे से आप किसी को शूद्र मत कहिए।” इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अपने विचारों में समाजिक न्याय के पक्षधर हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर कठोर रुख अपनाया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आनी लगीं। वीडियो को सोशल मीडिया पर @surya_samajwadi नाम के एक एक्स अकाउंट से शेयर किया गया, जिसे हजारों लोगों ने देखा और कई लोगों ने लाइक भी किया। एक यूजर ने लिखा, “ये बाबा फर्जी है, इसे कुछ नहीं आता,” तो वहीं एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “जब एक पढ़ा-लिखा और अनपढ़ मिल जाएं तो यही होता है।” कुछ यूजर्स ने इस मुलाकात को बेहद दिलचस्प बताते हुए कहा, “गजब मुलाकात रही, मजा आ गया।”

शूद्र पर विवाद और समाज का दृष्टिकोण

इसके बाद सोशल मीडिया पर एक यूजर ने दावा किया कि अनिरुद्धाचार्य ने अपनी कथा में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्‍य और शूद्र वर्णों के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि शूद्र भगवान ब्रह्मा के पैरों से उत्पन्न हुए थे। यह टिप्पणी समाज में वर्गीय भेदभाव को लेकर विवादों का कारण बन सकती है। इस पूरे घटनाक्रम ने समाज के भीतर जातिवाद और वर्गीय भेदभाव को लेकर एक बड़ी बहस शुरू कर दी है।

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