Al-Falah University: हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय इन दिनों राष्ट्रीय सुर्खियों में है। खबरों के अनुसार विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ डॉक्टरों का नाम दिल्ली में हुए बम धमाकों की जांच में सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियां लगातार छानबीन कर रही हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी तरह की संस्थागत भूमिका या संलिप्तता से साफ इनकार किया है। लेकिन इस पूरे विवाद के बीच सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला नाम है—चांसलर जावेद अहमद सिद्दीकी का, जिनका बिजनस बैकग्राउंड अब चर्चा का नया केंद्र बन गया है।
1990 के दशक से शुरू हुआ सिद्दीकी का बिजनेस सफर- Al-Falah University
जावेद अहमद सिद्दीकी ने 1990 के दशक के अंत में दिल्ली-एनसीआर में अपने कारोबारी कदम रखे थे। शुरुआत छोटे-मोटे व्यवसायों से हुई, लेकिन धीरे-धीरे उनका दायरा बढ़ता गया। आज वे अल-फलाह विश्वविद्यालय के चांसलर होने के साथ-साथ अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी भी हैं।
यह ट्रस्ट केवल विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि स्कूलों, अनाथालयों, मदरसों और कई सामाजिक-शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है। यानी शिक्षा और सामाजिक कल्याण का बड़ा नेटवर्क सिद्दीकी के नियंत्रण में है।
9 कंपनियों के डायरेक्टर—मंत्रालय के रिकॉर्ड में दर्ज लंबी सूची
भारत के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड बताते हैं कि जावेद अहमद सिद्दीकी कुल 9 पंजीकृत कंपनियों से जुड़े हुए हैं। इनमें शामिल हैं—
• अल-फलाह इन्वेस्टमेंट लिमिटेड
• अल-फलाह सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड
• अल-फलाह कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
• अल-फलाह एक्सपोर्ट्स लिमिटेड
• अल-फलाह एनर्जी लिमिटेड
• अल-फलाह एजुकेशन सर्विस LLP
• तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन
इनके अलावा वह शरीका पब्लिक स्कूल, एक अनाथालय और एक मदरसे से भी जुड़े हैं। यह सूची बताती है कि सिद्दीकी की पहुंच सिर्फ शिक्षा या सामाजिक संस्थानों तक सीमित नहीं है, बल्कि अलग-अलग सेक्टरों में उन्होंने अपना व्यापक बिजनेस नेटवर्क स्थापित किया है।
कमाई के कई रास्ते—शिक्षा से लेकर ऊर्जा और सॉफ्टवेयर तक
सिद्दीकी की आय के मुख्य स्रोतों में शैक्षणिक संस्थानों से होने वाली कमाई, विभिन्न कॉर्पोरेट उद्यम और उनका ट्रस्ट शामिल हैं। उनकी कंपनियां सॉफ्टवेयर, परामर्श, ऊर्जा और निर्यात जैसे विविध क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
चूंकि ये कंपनियां निजी लिमिटेड संरचना में चलती हैं, इसलिए इनका बिजनेस मॉडल अनुबंधों, परियोजनाओं और निजी पार्टनरशिप्स पर आधारित है। शिक्षा और कारोबारी गतिविधियों का यह मिश्रण सिद्दीकी को एक प्रभावशाली नेटवर्क प्रदान करता है, जो अब जांच एजेंसियों की नजरों में है।
दिल्ली विस्फोट केस के बाद बढ़ी जांच—विश्वविद्यालय पर सवालों की रफ्तार तेज
अल-फलाह विश्वविद्यालय हाल ही में उस समय सुर्खियों में आया जब दिल्ली धमाकों की जांच में इससे जुड़े कुछ लोगों के नाम सामने आए। पुलिस टीम लगातार विश्वविद्यालय से जुड़े कर्मचारियों और डॉक्टरों से पूछताछ कर रही है।
हालांकि विश्वविद्यालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि उनका न आरोपी डॉक्टरों से कोई संस्थागत संबंध है और न ही किसी अवैध गतिविधि से उनका कोई ताल्लुक। इसके बावजूद जांच का दायरा बढ़ रहा है और जांच टीमें विश्वविद्यालय से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
