Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट से अरविंद कुमार यादव को बड़ी राहत, निलंबन आदेश पर लगी रोक

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Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी अरविंद कुमार यादव के निलंबन मामले में अहम अंतरिम आदेश दिया है। कोर्ट ने 8 दिसंबर 2025 को जारी निलंबन आदेश के संचालन पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह मामला रिट-ए संख्या 14448/2025 के तहत दायर किया गया था।

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निलंबन आदेश को दी गई थी चुनौती (Allahabad High Court)

अरविंद कुमार यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें विभागीय कार्यवाही की संभावना के आधार पर निलंबित किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अश्वनी कुमार सिंह, आदित्य सिंह और अशोक कुमार यादव ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) ने कोर्ट में दलीलें दीं।

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आरोपों में विरोधाभास का दावा

याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि निलंबन आदेश में लगाए गए आरोप खुद एक-दूसरे के खिलाफ हैं। एक तरफ आदेश में यह कहा गया है कि अरविंद कुमार यादव ने निरीक्षण के दौरान व्यापारियों को परेशान किया, वहीं दूसरी ओर उन पर यह भी आरोप लगाया गया कि वे खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा रहे थे। वकीलों का कहना था कि अगर अधिकारी सख्ती से निरीक्षण कर रहे थे, तो मिलावट न रोकने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है।

पहले भी हो चुका था तबादला, कोर्ट ने दी थी राहत

मामले में यह भी सामने आया कि इससे पहले 27 अक्टूबर 2025 को अरविंद कुमार यादव को बिना किसी जांच के दूसरे स्थान पर अटैच कर दिया गया था। उस आदेश को उन्होंने रिट-ए संख्या 14037/2025 के तहत हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने 8 दिसंबर 2025 को ही रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसी दिन बाद में निलंबन का आदेश पारित किया गया, जो कानूनन दुर्भावना को दर्शाता है।

कोर्ट को प्रथम दृष्टया दलीलों में दिखा दम

हाईकोर्ट ने प्रारंभिक तौर पर याचिकाकर्ता की दलीलों को गंभीर मानते हुए कहा कि मामला विचार योग्य है। कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अगली सुनवाई जनवरी में

कोर्ट ने इस मामले को 19 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं। तब तक निलंबन आदेश पर रोक रहेगी।

विभागीय कार्रवाई पर नहीं लगी रोक

हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस अंतरिम आदेश का मतलब यह नहीं है कि विभाग अरविंद कुमार यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू या जारी नहीं कर सकता। विभागीय जांच आगे भी अपने स्तर पर जारी रह सकती है।

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