America Attack On Iran: ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद वैश्विक तनाव बढ़ता जा रहा है। इस तनाव के बीच, ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी है, जो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल शिपिंग मार्गों में से एक है। इस धमकी से न केवल वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर चिंता बढ़ी है, बल्कि भारत जैसे देशों के लिए भी गंभीर प्रभाव हो सकते हैं, क्योंकि भारत के तेल आयात का एक बड़ा हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से होकर आता है।
होर्मुज जलडमरूमध्य का महत्व- America Attack On Iran
होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है और यह एक संकरा जलमार्ग है, जिससे दुनिया का करीब 30% तेल और एक तिहाई LNG (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) गुजरता है। यदि यह जलडमरूमध्य बंद कर दिया जाता है, तो वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारी उथल-पुथल मच सकती है। इस जलमार्ग के बंद होने से तेल आपूर्ति में कमी आएगी और कीमतें आसमान छू सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
भारत पर प्रभाव
भारत के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य का बंद होना एक बड़ा संकट साबित हो सकता है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण कुमार बेहरा ने इस स्थिति को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत का इराक और सऊदी अरब से कच्चा तेल आयात इस जलडमरूमध्य से होकर होता है, और अगर इसे बंद कर दिया जाता है, तो भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।
वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर प्रभाव
पूर्व नौसेना प्रवक्ता कैप्टन डी. के. शर्मा (सेवानिवृत्त) ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस जलमार्ग के बंद होने से तेल व्यापार में बड़ी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे बीमा प्रीमियम में वृद्धि हो सकती है और तेल शिपमेंट के लिए महंगे मार्ग अपनाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में तनाव बढ़ने से तेल की कीमतें भी तेजी से बढ़ सकती हैं। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर ईरान ने अपनी धमकी पर अमल किया, तो तेल की कीमतें 80-90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, और कुछ स्थानों पर यह 100 डॉलर प्रति बैरल भी हो सकती हैं।
चीन और ईरान पर दबाव
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चीन से ईरान पर दबाव डालने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि चीन ईरान से अपनी ऊर्जा आपूर्ति के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य पर बहुत अधिक निर्भर है, और बीजिंग को इस मुद्दे को लेकर ईरान से बात करनी चाहिए। रुबियो ने चेतावनी दी कि यदि जलडमरूमध्य बंद होता है, तो यह वैश्विक संकट का रूप ले सकता है और अमेरिका समेत अन्य देशों को इस पर प्रतिक्रिया देनी होगी।
भारत के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता
यह घटनाक्रम भारत के लिए एक गंभीर चेतावनी है। भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर विचार करना होगा और होर्मुज जलडमरूमध्य पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाने होंगे। भारत को नए ऊर्जा स्रोतों की खोज और विकास के साथ-साथ, अन्य देशों से तेल आयात के विकल्प पर भी ध्यान देना होगा।