America Impose Tariffs On India: भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर खटास आ गई है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत के खिलाफ दोतरफा कार्रवाई की है। एक तरफ भारत से अमेरिका को होने वाले कई अहम निर्यात पर 25 फीसदी का भारी टैरिफ लगाया गया है, तो वहीं दूसरी ओर ईरान और रूस के साथ व्यापार करने वाली छह भारतीय कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं। इन कदमों को भारत के आर्थिक हितों पर सीधा हमला माना जा रहा है।
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रूस-ईरान से कारोबार बना अमेरिका को नागवार– America Impose Tariffs On India
दरअसल, ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि कुछ भारतीय कंपनियां ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स का व्यापार कर रही हैं, जो अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कार्यकारी आदेश E.O. 13846 के तहत छह भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया गया है। इनमें एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, कंचन पॉलीमर्स, रामनिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी और परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
इन कंपनियों पर क्यों लगा बैन?
- कंचन पॉलीमर्स पर आरोप है कि उसने तानाइस ट्रेडिंग से पॉलीइथिलीन समेत 3 मिलियन डॉलर से ज्यादा मूल्य के ईरानी प्रोडक्ट्स का आयात किया।
- एलकेमिकल सॉल्यूशंस ने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच ईरान से करीब 84 मिलियन डॉलर के पेट्रोकेमिकल्स खरीदे।
- रामनिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी ने 22 मिलियन डॉलर से ज्यादा के मेथनॉल और टोल्यूनि जैसे ईरानी उत्पादों का आयात किया।
- जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 49 मिलियन डॉलर मूल्य के टोल्यूनि सहित अन्य ईरानी केमिकल्स खरीदे।
- ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड पर जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच 51 मिलियन डॉलर से अधिक के मेथनॉल आयात का आरोप है।
- परसिस्टेंट पेट्रोकेम ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच लगभग 14 मिलियन डॉलर के ईरानी केमिकल्स मंगवाए।
इन सभी कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने जानबूझकर ईरानी कंपनियों से व्यापार किया, जो अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ये कदम ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर को कमजोर करने के लिए उठाए गए हैं।
अब भारत को टैरिफ झेलना होगा
इतना ही नहीं, अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ का नया बम भी फोड़ा है। ट्रंप की ओर से ऐलान किया गया है कि 1 अगस्त 2025 से भारत से आने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर 25% का भारी-भरकम आयात शुल्क लगाया जाएगा। ये टैरिफ खासतौर पर ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, स्टील, एल्युमीनियम, स्मार्टफोन, सोलर पैनल, समुद्री उत्पाद, आभूषण और खाद्य व कृषि उत्पादों पर लागू होगा।
हालांकि कुछ सेक्टर जैसे फार्मा, सेमीकंडक्टर और जरूरी खनिज को इस टैरिफ से बाहर रखा गया है, लेकिन बाकी क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों को इसका सीधा नुकसान झेलना पड़ेगा। इससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा अमेरिका में घट सकती है और उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
इन दोनों फैसलों से भारत और अमेरिका के कारोबारी रिश्तों में तल्खी बढ़ने की आशंका है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि उसे ईरान और रूस के साथ भारत के कारोबारी रिश्ते मंजूर नहीं हैं।