Army Officer Attacked SpiceJet Staff: 26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर जो हुआ, उसका वीडियो अब सामने आया है और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक आर्मी अफसर एयरलाइन स्टाफ पर हमला करते नजर आ रहे हैं। किसी को घूंसे, किसी को लात, और एक तो बेहोश होकर गिर पड़ा, लेकिन अफसर का गुस्सा थमता ही नहीं दिखा। अब सवाल ये है कि आखिर बात क्या इतनी बिगड़ गई कि सेना का एक अफसर इस हद तक उतर आया?
क्या हुआ था उस दिन? (Army Officer Attacked SpiceJet Staff)
यह मामला स्पाइसजेट की फ्लाइट SG-386 से जुड़ा है, जो श्रीनगर से दिल्ली जा रही थी। फ्लाइट बोर्डिंग के दौरान एक आर्मी अफसर अपने साथ 16 किलो का केबिन बैग लेकर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, जबकि केबिन बैग की सीमा सिर्फ 7 किलो तय है। जब स्टाफ ने उनसे एक्स्ट्रा चार्ज मांगा, तो अफसर भड़क गए।
Never seen such a horrific beating of the airline staff ever
Hear one of them very seriously injured at Srinagar airport by this passenger (see his video)
Hope the airline supports him all the way
Passenger placed on no-fly list, said to be a military official @adgpi
— Tarun Shukla (@shukla_tarun) August 3, 2025
स्पाइसजेट के मुताबिक, जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने गुस्से में आकर जबरन एरोब्रिज में घुसने की कोशिश की। इसके बाद CISF को बीच में आना पड़ा और उन्हें बाहर निकाला गया। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। कुछ देर बाद वो वापस लौटे और चार स्टाफ सदस्यों पर हमला कर दिया। एक स्टाफ को उन्होंने इतना मारा कि वो बेहोश हो गया, फिर भी वो मारते रहे।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
स्पाइसजेट ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंप दी गई है। आरोपी अफसर पर IPC की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 325 (गंभीर चोट), 504 (उत्तेजक हरकतें) और 506 (धमकी देना) लग सकती है। अगर किसी कर्मचारी को गंभीर चोट लगी है, जैसे रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, तो मामला गैर-जमानती बन सकता है।
इसके अलावा DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के नियमों के अनुसार, ये घटना “लेवल 2” (शारीरिक हिंसा) और संभवतः “लेवल 3” (जान को खतरा) की कैटेगरी में आती है। इस आधार पर उस अफसर पर 6 महीने से लेकर 2 साल या उससे ज्यादा का उड़ान प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। स्पाइसजेट ने उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्या सेना अपने अफसर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है?
भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया है कि वो इस घटना को गंभीरता से ले रही है और आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। अगर अफसर ड्यूटी पर न भी हों, तब भी सेना उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। इसमें कोर्ट ऑफ इंक्वायरी, वेतन कटौती, सस्पेंशन या बर्खास्तगी तक शामिल हो सकता है।
अगर मामला ज्यादा गंभीर है, तो सिविल अदालत में मुकदमा चलेगा और साथ ही सैन्य कोर्ट की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
क्या उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है?
यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या आर्मी अफसर को सीधे गिरफ्तार किया जा सकता है? इसके जवाब में कानूनी प्रक्रिया थोड़ी अलग है। अगर अफसर ड्यूटी पर हों, तो CrPC की धारा 45 के तहत उनकी गिरफ्तारी से पहले सेना की इजाजत जरूरी होती है। लेकिन अगर वे ड्यूटी पर नहीं थे, यानी आम यात्री की तरह सफर कर रहे थे, तो स्थानीय पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
अब आगे क्या?
26 जुलाई की इस घटना को लगभग 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक अधिकारी की गिरफ्तारी या सस्पेंशन पर कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। सवाल यही है कि क्या सेना और पुलिस इस गंभीर मामले में जल्द कार्रवाई करेंगी या बात यूं ही टल जाएगी?
फिलहाल वीडियो सामने आने के बाद आम लोगों में भी नाराजगी है, क्योंकि अगर कोई आम आदमी ऐसा करता, तो शायद अब तक जेल जा चुका होता।