ASP Anuj Chaudhary: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत और पुलिस अधिकारियों के बीच हुए विवाद ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एएसपी अनुज चौधरी पर मंदिर के सेवायत के साथ बदसलूकी करने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। इस घटना से जुड़ी कई नई जानकारियां सामने आईं हैं, जो स्थिति को और जटिल बना रही हैं।
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क्या हुआ था उस दिन? (ASP Anuj Chaudhary)
16 नवंबर, रविवार को बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा दिल्ली से मथुरा पहुंची थी। मथुरा में यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी एएसपी अनुज चौधरी को दी गई थी। यात्रा के बाद जब सेवायत गोस्वामी सोहित पूजा सामग्री लेकर शास्त्री के दर्शन के लिए आगे बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान, आरोप है कि एएसपी अनुज चौधरी ने सेवायत का कॉलर पकड़कर उनका अपमान किया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ब्रजवासियों के साथ धक्का-मुक्की की, और यहां तक कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए। इस घटना की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।
सेवायत के आरोप और वीडियो का वायरल होना
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मियों ने न केवल धक्का-मुक्की की, बल्कि मंदिर में ब्रजवासियों के कपड़े भी फाड़े और हाथापाई की। इस वीडियो के वायरल होते ही लोग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाने लगे। कथावाचक मृदुल कांत शास्त्री ने भी एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि पुलिस ने ना सिर्फ बदतमीजी की, बल्कि यह कार्रवाई पूरी तरह से अव्यवस्थित और अभद्र थी।
मंदिर प्रबंधन का बयान और मामला पलटा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बाद सोमवार को घटनाक्रम ने नया मोड़ लिया। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बयान जारी किया और साफ किया कि किसी सेवायत के साथ कोई बदसलूकी नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री से मिलने के लिए केवल पांच लोगों को ही अनुमति दी गई थी, लेकिन कई बाहरी लोग नियमों को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कार्रवाई की।
मृदुल कांत शास्त्री ने भी बाद में अपना बयान बदलते हुए कहा कि प्रशासन ने पूरी तरह से सहयोग किया और यात्रा सफल रही। उन्होंने यह स्वीकार किया कि पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कार्रवाई की थी।
एएसपी अनुज चौधरी का विवादों से पुराना नाता
मथुरा में हुए इस विवाद से पहले भी एएसपी अनुज चौधरी कई बार विवादों में रहे हैं। 2024 में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए दंगों के दौरान उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “जाहिल हमें मारते रहेंगे, हम मरने के लिए भर्ती हुए हैं।” यह बयान बहुत चर्चा में रहा था और आलोचनाओं का शिकार हुआ था।
अन्य विवादों से जुड़ा नाम
इसके अलावा, मार्च 2025 में जब होली और जुमा एक ही दिन पड़े थे, तब उन्होंने मुसलमानों से कहा था कि वे होली के दिन अपने घरों में रहें। इस बयान ने भी भारी विवाद खड़ा किया था। नवंबर 2025 में एक यूट्यूबर ने उन्हें धमकी दी थी कि वह एएसपी को केस में फंसा देंगे। हालांकि, इस मामले में एएसपी अनुज चौधरी ने किसी भी प्रकार की तहरीर देने से इनकार कर दिया था।
नए विवादों में एएसपी का आचरण सवालों के घेरे में
मथुरा के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में हुई घटना ने एक बार फिर एएसपी अनुज चौधरी के आचरण को सवालों के घेरे में ला दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी कार्यशैली और व्यवहार को लेकर तीखी आलोचना कर रहे हैं। कई लोग इस घटना को पुलिसिया गुंडागर्दी और प्रशासन की असंवेदनशीलता से जोड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश मे हिंदू राष्ट्र स्थापित करना चाहते तो ये जिम्मेदारी CO/ASP अनुज चौधरी को दी जाए।
क्योकि योगी जी को शायद हिंदू राष्ट्र बनाने में सालो लग सकते है लेकिन CO अनुज चौधरी 06 महीने में हिंदू राष्ट्र बनाकर योगी जी को दे सकते है।
क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस ड्यूटी से ज्यादा… pic.twitter.com/fiux0W60G0
— Adv Deepak Babu (@dbabuadvocate) November 17, 2025
मथुरा में हुए इस विवाद से यह सवाल उठता है कि क्या एक अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपनी शक्ति का ऐसा दुरुपयोग करने का अधिकार है? यह केवल मथुरा का ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी का मामला बन चुका है, क्योंकि एएसपी अनुज चौधरी का यह आचरण कई अन्य विवादों से जोड़ते हुए समाज में एक गहरी छाप छोड़ गया है।
