Bareilly Violence News Update: बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उस वक्त हालात बेकाबू हो गए जब ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान से जुड़े पोस्टर को लेकर मस्जिद के बाहर विवाद भड़क उठा। देखते ही देखते मामूली कहासुनी ने उग्र रूप ले लिया और शहर के खलील तिराहा से लेकर इस्लामिया मैदान तक का इलाका हिंसा की चपेट में आ गया। पत्थरबाजी, नारेबाजी और तोड़फोड़ ने शहर को दहला दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई सीधी भिड़ंत ने सड़क को मानो जंग का मैदान बना दिया।
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पुलिस की सख्त कार्रवाई, 39 गिरफ्तार– Bareilly Violence News Update
हिंसा के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 39 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सबसे बड़ा नाम मौलाना तौकीर रजा खान का है। उनके अलावा सरफराज, मनीफुद्दीन, अजीम अहमद, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद आमिर, रेहान और मोहम्मद सरफराज जैसे कई अहम चेहरे भी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। प्रशासन ने कुल 180 नामजद और करीब 2500 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिन पर दंगा, धार्मिक भावनाएं भड़काने, तोड़फोड़ और पथराव जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
साजिश के तहत की गई हिंसा: प्रशासन
जिलाधिकारी अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि यह हिंसा पूरी तरह सुनियोजित थी। उनके मुताबिक, जबरन भीड़ जुटाई गई, जबकि धारा 163 पहले से लागू थी, जो किसी भी अवैध सभा पर रोक लगाती है। हालात को काबू में रखने के लिए बरेली में 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इसके अलावा फेसबुक, व्हाट्सऐप और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मैसेज फॉरवर्डिंग पर पहले से ही रोक लगी हुई है।
मौलाना तौकीर रजा खान कौन हैं?
इस पूरी घटना में सबसे ज्यादा चर्चा मौलाना तौकीर रजा की हो रही है। वो बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खान के वंशज हैं और बरेली की धार्मिक और राजनीतिक दुनिया में उनका काफी दबदबा रहा है। साल 2001 में उन्होंने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल बनाई थी और फिर सियासत में कूदे। 2009 में कांग्रेस से जुड़े और 2012 में समाजवादी पार्टी के समर्थन में आ गए। लेकिन 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उन्होंने सपा से किनारा कर लिया। इसके बाद वे बसपा के साथ भी नजर आए।
विवादों से पुराना नाता
मौलाना का नाम पहले भी कई बार हिंसक घटनाओं में आया है। साल 2010 में बरेली दंगों में भी उन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था। सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी वे सुर्खियों में रहे। उस दौरान उन्होंने नागरिकता कानून का खुलकर विरोध किया और कई बार प्रशासन के निशाने पर आए।
इसके अलावा उन्होंने तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी किया था, जिस वजह से वह राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रहे। देवबंदी विचारधारा को लेकर उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से दूरी बना ली थी और ‘जदीद बोर्ड’ की नींव रखी थी।
गिरफ्तारी से पहले दिया भावुक वीडियो संदेश
गिरफ्तारी से कुछ ही घंटे पहले मौलाना ने एक वीडियो संदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा, “अगर मुझे गोली मार दी जाए तो मुझे खुशी होगी।” उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की थी, लेकिन प्रशासन ने देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सुबह अदालत में पेश किया।
योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने बिना नाम लिए मौलाना तौकीर रजा पर तंज कसते हुए कहा, “कल एक मौलाना भूल गए कि सत्ता में कौन है?” मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि त्योहारों के मौके पर माहौल खराब करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने दंगाइयों की तुलना हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित “चुंड-मुंड” से करते हुए कहा कि देवी भगवती ऐसे लोगों का नाश कर देती हैं। योगी ने चेतावनी दी कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी।
बरेली की हिंसा की चिंगारी फैल रही
फिलहाल बरेली की हिंसा की आग अब धीरे-धीरे राज्य के बाकी हिस्सों तक भी पहुंचने लगी है। बाराबंकी, मऊ और वाराणसी से भी तनाव की खबरें सामने आई हैं। प्रशासन अलर्ट पर है और हालात को काबू में करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।