Air India Plane crash: पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे को पूरा एक महीना हो गया है। इस हादसे में 19 क्रू मेंबर समेत 260 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। तो वहीं एयरपोर्ट के पास मौजूद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टर पर ये विमान अपने उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद गिर गया था। इस हादसे गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपानी की भी जान गई। इस हादसे के बाद चारों तरफ केवल मातम पसरा था। भारत के इतिहास में ये हादसा सबसे बड़े विमान हादसों में गिना जाएगा। परिवार वालों की चीख पुकार से पत्थर भी पिघल जाए, ऐसा मंजर जिसने सबको झकझोर कर रखा दिया। इस हादसे के बाद भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो यानि कि Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने हादसा क्यों हुआ उसकी जांच शुरू की और एक महीने जो निकल कर सामने आया वो बेहद ही शॉकिंग है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या निकला जांच में।
AAIB की जांच में क्या निकला
विमान हादसे को लेकर हुई जांच में Aircraft Accident Investigation Bureau ने 15 पेजों की जांच रिपोर्ट सबमिट की। जिसमें कई खुलासे किए गए है लेकिन दुर्घटना से पहले दोनों पायलट के बीच हुई बातचीत ने सबको सकते में डाल दिया है। साथ ही खड़े किए कुछ सवाल, जिनके जवाब की तलाश हर कोई कर रहा है। दरअसल विमान हादसे के कारणों का पता लगाने के दौरान विमान के कॉकपिट में मौजूद दस्तावेजों में दोनों पायलट के बीच की गई बातचीत का रिकॉर्ड बरामद हुआ है।
Aircraft Accident Investigation Bureau ने पाया कि विमान हादसे के उड़ान भरते ही उसमें तकनीकी खराबी हो गई थी, जिसके कारण उसके दोनो इंजन बंद हो गए थे। जांच में पाया गया कि उड़ान भरते ही फ्यूल स्विच – ऑटोमेटिक रन से स्विचऑफ मोड में चला गया। ये सब कुछ कुछ ही सेकेंड में हुआ…जिससे पायलट के बीच गलतफहमी हुई। वहीं कॉकपिट में हुई बातचीत भी इसी ओर इशारा कर रही है कि दोनों पायलट भ्रम की स्थिति में आ गए थे। दरअसल रिकोर्डिंग के अनुसार हेड पायलट सुमीत सभरवाल अपने को-पायलट क्लाइव कुंदर से पूछ रहे है कि उन्होंने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया, जिस पर उनके को पायलट का जवाब है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।
वहीं एक फुटेज भी बरामद हुई जिसमें देखा जा सकता है कि उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद इमरजेंसी पावर सप्लाई सिस्टम एक्टिव हो गया, ऐसा तभी संभव होता है जब इंजन काम करना बंद कर देती है। तो वहीं रीलाइट के दौरान एक इंजन फिर से काम करने लगा लेकिन दूसरा इंजन एक्टिव नहीं सका..इतना ही नहीं इस दौरान विमान रीलाइट Auxiliary Power Unit भी ऑटोमोड में चला गया लेकिन तब भी विमान कंट्रोल नहीं किया जा सका था।
डेटाबेस की जानकारी बेहद जरूरी
Extended Airframe Flight Recorder के डेटा से बड़ी जानकारी मिली है। उसके अनुसार 8 बजकर 9 मिनट और 11 सेकेंड पर रिकॉर्डर बंद हो गया था, लेकिन 8 बजकर 9 मिनट औऱ 5 सेकेंड पर पायलट की तरफ से MAYDAY MAYDAY MAYDAY का मैसेज भेजा गया था, जिसपर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी लेकिन तब तक हादसा हो चुका था। हादसे की जांच में हर पहलू को बड़ी बारिकी से जांच की जा रही है। अभी तक के रिपोर्ट के अनुसार पायलटों की बातचीत से साफ होने लगा है कि विमान में तकनीकी खराबी ही इस हादसे का कारण हो सकता है। हालांकि जांच अभी भी जारी है इस लिए जब तक हादसे का सही कारण कंफर्म नहीं हो जाता है तब कि बोइंग 787-8 विमान या उसके इंजन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कोई एडवाइजरी जारी नहीं की जा सकती है।
एयर इंडिया ने ली थी जिम्मेदारी
इस हादसे के बाद एयर इंडिया ने जिम्मेदारी ली थी और हादसे के कारणों का पता लगाने का भी आश्वासन दिया। इतना ही मृतकों के परिवार को एक एक करोड़ रूपय का मुआवजा देने की भी घोषणा की गई थी। एक तरफ ये हासदा तकनीकी खराबी की तरफ इशारा कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दोनों पायलट की बातचीत कई और संदेह को जन्म दे रही है। क्या ये वाकई में हादसा था, या किसी की लापरवाही का नतीजा…. कारण चाहे कुछ भी हो लेकिन जो जख्म ये हादसा दे गया, वो कभी नहीं भरेगा… अब देखना ये होगा कि Aircraft Accident Investigation Bureau की फाईनल रिपोर्ट के बाद कौन सी सच्चाई सामने आती है।