Founder Of Bitcoin: दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत ने एक नई ऊंचाई हासिल की है, और अब यह 1,18,000 डॉलर प्रति बिटकॉइन के स्तर पर पहुंच चुकी है। इस साल बिटकॉइन की कीमत में 55% से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस बढ़ती कीमत के साथ ही बिटकॉइन के क्रिएटर सतोशी नाकामोतो की संपत्ति में भी भारी इजाफा हुआ है, और वह अब दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।
सतोशी नाकामोतो की संपत्ति की बढ़त- Founder Of Bitcoin
सतोशी नाकामोतो, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने जनवरी 2009 से जुलाई 2009 के बीच 10 लाख से ज्यादा बिटकॉइन ढाले थे, आज के समय में उनके पास करीब 129 अरब डॉलर का बिटकॉइन है। इस हिसाब से नाकामोतो की नेट वर्थ अब भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (109 अरब डॉलर) और गौतम अडानी (84.2 अरब डॉलर) से भी अधिक हो गई है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए आश्चर्यजनक है, खासकर यह सोचते हुए कि नाकामोतो की पहचान आज तक नहीं हो पाई है और उन्होंने कभी भी सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराई।
ब्लूमबर्ग बिलिनियर इंडेक्स के मुताबिक, नाकामोतो की नेट वर्थ अब माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स (123 अरब डॉलर) से भी अधिक है। हालांकि, वह अभी भी एलन मस्क (360 अरब डॉलर), मार्क जकरबर्ग (253 अरब डॉलर), लैरी एलिसन (247 अरब डॉलर), और जेफ बेजोस (245 अरब डॉलर) जैसे नामों से पीछे हैं।
बिटकॉइन की शुरुआत और इसका विकास
बिटकॉइन का जन्म अक्टूबर 2008 में हुआ, जब सतोशी नाकामोतो ने इसका वाइटपेपर पब्लिश किया था। इसके बाद 3 जनवरी, 2009 को बिटकॉइन के पहले ब्लॉक की ढलाई हुई, जिसके साथ ही बिटकॉइन नेटवर्क की औपचारिक शुरुआत हो गई। बिटकॉइन के जरिए क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन तकनीक की यात्रा शुरू हुई, और इसके बाद यह पूरी दुनिया में डिजिटल मुद्रा के रूप में लोकप्रिय हो गया।
साल 2010 में, क्रिप्टोकरेंसी रिसर्चर Sergio Demian Lerner ने सतोशी नाकामोतो की बिटकॉइन होल्डिंग्स पर एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया, जिसमें यह दावा किया गया कि नाकामोतो के पास लगभग 10 लाख बिटकॉइन हो सकते हैं। यह अनुमान अब तक सही साबित हुआ है, क्योंकि वर्तमान बिटकॉइन की कीमतों के हिसाब से उनकी संपत्ति का मूल्य 129 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।
क्रिप्टोकरेंसी का विकास और वैश्विक समर्थन
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के प्रति दुनिया भर में बढ़ता समर्थन भी इसकी कीमतों में तेजी का एक कारण रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देशों के नेताओं ने क्रिप्टोकरेंसी को एक वैध और समर्थित वित्तीय साधन के रूप में स्वीकार किया है। इसके अलावा, बिटकॉइन की डिजिटल और गुप्त प्रकृति इसे एक सुरक्षित और अनाम तरीके से लेन-देन के लिए आकर्षक बनाती है।
बिटकॉइन, जिसे ‘क्रिप्टो’ कहा जाता है, ‘गुप्त’ का प्रतीक है। यह एक डिजिटल मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों पर आधारित है। बिटकॉइन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह से डिजिटल है, यानी इसे भौतिक रूप से महसूस या छुआ नहीं जा सकता। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि इसके लेन-देन पूरी तरह से सुरक्षित और गुप्त होते हैं, और इसे किसी भी पारंपरिक मुद्रा की तरह हाथों में नहीं लिया जा सकता।