CBSE Two-Exam Formula: सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार, छात्रों को मिलेगा सुधार का एक और मौका

CBSE Two-Exam Formula
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CBSE Two-Exam Formula: अगर आप 2026 में कक्षा 10वीं की परीक्षा देने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि 2026 से 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अपनी तैयारी बेहतर बनाने का अवसर देना और परीक्षा के तनाव को कम करना है।

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क्या है सीबीएसई का नया प्रस्ताव? (CBSE Two-Exam Formula)

सीबीएसई ने इस नई परीक्षा प्रणाली के लिए एक मसौदा तैयार किया है, जिसे सार्वजनिक किया जाएगा। इसके बाद, 9 मार्च 2025 तक विभिन्न हितधारकों—जैसे स्कूल प्रशासन, पेरेंट्स एसोसिएशन, टीचर्स एसोसिएशन, नीति निर्माता और कुछ एनजीओ—से सुझाव लिए जाएंगे। सुझावों के आधार पर इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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कब आयोजित होंगी बोर्ड परीक्षाएं?

सीबीएसई के नए नियमों के अनुसार, 2026 से 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी:

  • पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 तक
  • दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई 2026 तक

इन परीक्षाओं में कुल 84 विषयों की परीक्षा ली जाएगी। 2025 में करीब 24 लाख छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे, जबकि 2026 में यह संख्या बढ़कर 26.60 लाख होने का अनुमान है।

क्या छात्रों के लिए दोनों परीक्षाएं अनिवार्य होंगी?

नहीं, यह पूरी तरह से छात्रों पर निर्भर करेगा कि वे दोनों परीक्षाओं में बैठना चाहते हैं या सिर्फ एक में। यदि छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में सुधार का अवसर मिलेगा। इससे परीक्षा का दबाव कम होगा और छात्र अपनी पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

सप्लीमेंट्री परीक्षा का क्या होगा?

अब सीबीएसई की दोनों परीक्षाओं को ही सप्लीमेंट्री परीक्षा माना जाएगा। यानी, पहले की तरह अलग से सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित नहीं होगी। छात्रों को परीक्षा शुल्क भी रजिस्ट्रेशन के समय ही जमा करना होगा। स्कूलों को यह सूचना पहले ही दे दी जाएगी, ताकि छात्रों को अपनी परीक्षा की योजना बनाने में सुविधा हो।

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कैसे आयोजित होगी परीक्षा?

सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि:

  • विज्ञान (Science), गणित (Maths), सामाजिक विज्ञान (Social Science), हिंदी (Hindi) और अंग्रेज़ी (English) जैसे मुख्य विषयों की परीक्षा अलग-अलग दिनों में होगी।
  • क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं की परीक्षा एक ही दिन आयोजित की जाएगी।
  • खेलों (Sports) से जुड़े छात्रों को किसी एक परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
  • प्रैक्टिकल परीक्षाएं सिर्फ एक बार ही आयोजित की जाएंगी।

कौन-सी मार्कशीट मान्य होगी?

  • यदि छात्र पहली परीक्षा नहीं देता और केवल दूसरी परीक्षा में बैठता है, तो उसकी दूसरी परीक्षा की मार्कशीट मान्य होगी।
  • अगर छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होता है, तो उसकी मार्कशीट में दोनों परीक्षाओं के अंक दर्ज किए जाएंगे।
  • जिस परीक्षा में छात्र को अधिक अंक मिलेंगे, वही अंक उसकी मार्कशीट में प्राथमिकता से दर्शाए जाएंगे।
  • मेरिट सर्टिफिकेट केवल दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी किया जाएगा।

यदि छात्र कुछ विषयों में फेल हो जाए तो?

  • यदि छात्र पहली परीक्षा में सभी विषयों में फेल हो जाता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में फिर से बैठना होगा।
  • यदि छात्र केवल मुख्य विषय (हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान) में फेल होता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में सभी विषयों के पेपर देने होंगे।
  • यदि छात्र विदेशी या क्षेत्रीय भाषा में फेल होता है, तो उसे सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा देनी होगी।
  • एक बार जब छात्र List of Candidates (LOC) जमा कर देता है, तो उसके बाद विषयों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, विषय परिवर्तन की अनुमति केवल दूसरी परीक्षा में ही दी जाएगी।

छात्रों को क्या करना चाहिए?

सीबीएसई का यह नया बदलाव छात्रों के लिए कई लाभ लेकर आएगा। अब वे अपनी परीक्षा की रणनीति को बेहतर बना सकते हैं और दो अवसरों का लाभ उठाकर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। इस नई प्रणाली से छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और परीक्षा का दबाव भी कम होगा।

अब छात्रों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई के लिए एक मजबूत योजना बनाएं, ताकि वे पहली ही परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल कर सकें। साथ ही, यदि पहली बार प्रदर्शन संतोषजनक न हो, तो वे दूसरी परीक्षा में खुद को और बेहतर साबित कर सकते हैं।

इस नई प्रणाली से छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और परीक्षा का तनाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

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