Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में धरमजयगढ़ क्षेत्र में अंबुजा-अडानी की प्रस्तावित परियोजना को लेकर विरोध की आग शांत होने का नाम नहीं ले रही। पिछले दो दिनों से ग्रामीण रायगढ़ कलेक्ट्रेट के बाहर खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे रहे। महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी ने मिलकर अपनी आवाज बुलंद की। ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि वे पुरुंगा में होने वाली जनसुनवाई को किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे।
विधायक भी धरनास्थल पर मौजूद- Chhattisgarh News
धरनास्थल पर स्थानीय विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया भी पूरी रात ग्रामीणों के साथ रहे। शुक्रवार सुबह ग्रामीण अपने गांव लौट गए, लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि धरमजयगढ़ की जमीन, जंगल और जलस्रोत की सुरक्षा के लिए वे किसी भी हाल में जनसुनवाई को नहीं होने देंगे। महिलाओं ने कहा, “हमारे गांव, हमारे जंगल और पहाड़ बचेंगे तभी हमारे बच्चे बचेंगे।”
प्रशासन पर आरोप, आंदोलन को मिली मजबूती
विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया ने प्रशासन पर ग्रामीणों की बात न सुनने का आरोप लगाया। लालजीत राठिया ने कहा, “दो दिन तक ग्रामीण भूखे-प्यासे बैठे रहे, लेकिन कलेक्टर मिलने तक नहीं आए। अब हम अपनी जमीन और जंगल बचाने गांव लौट रहे हैं और जनसुनवाई को किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे।” उनके रुख ने आंदोलन को और ताकत दी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विरोध और तीखा हो सकता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
उधर, अपर कलेक्टर और एसडीएम महेश शर्मा लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने बताया, “ग्रामीणों ने 24 घंटे धरना देने के बाद गांव लौटने का फैसला लिया है, जिसका प्रशासन स्वागत करता है। जनसुनवाई का उद्देश्य ही लोगों की बात सुनना है, इसलिए सभी से अपील है कि वे अपनी बातें शांतिपूर्वक वहां रखें।”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का समर्थन
इस विरोध पर राज्य के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “भाजपा सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की संपदा को अडानी पर लुटाने का काम कर रही है। क्षेत्रवासियों के भयंकर विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने धरमजयगढ़ की पुरंगा कोयला खदान अडानी समूह के स्वामित्व वाली अंबुजा सीमेंट को आवंटित कर दी है। लगभग 2150 एकड़ में फैला यह खदान क्षेत्र पेसा कानून के तहत संरक्षित है, लेकिन आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार पेसा कानून को ठेंगा दिखाते हुए जनसुनवाई पर अड़ी हुई है।”
अडानी की पुरंगा कोयला खदान के विरुद्ध आज दोपहर एक बजे से रायगढ़ ज़िला मुख्यालय में ग्रामीणों का धरना जारी है.
भाजपा सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की संपदा को अडानी पर लुटाने का काम कर रही है.
क्षेत्रवासियों के भयंकर विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने धरमजयगढ़ की पुरंगा कोयला खदान अडानी… pic.twitter.com/tAAMR4wqks
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 6, 2025
भूपेश बघेल ने आगे लिखा, “आज एक बार फिर इस खदान से प्रभावित क्षेत्रवासियों ने जनसुनवाई निरस्त करने की मांग को लेकर रायगढ़ जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। अडानी की इस खदान से पुरंगा, तेंदुमुडा, कोकधार और समरसिंघा गांव बुरी तरह प्रभावित होंगे और क्षेत्र का इकोसिस्टम तबाह हो जाएगा। पेसा कानून को धता बताकर जनसुनवाई का ढोंग रचकर छत्तीसगढ़ की संपदा को अडानी के हवाले करने का यह खेल अब नहीं चलेगा। हम पुरंगा क्षेत्र के इन ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हैं।”
आगे की संभावना
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि धरमजयगढ़ में अंबुजा-अडानी परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध तेज है। प्रशासन और राज्य सरकार के सामने चुनौती यह है कि वे ग्रामीणों की चिंताओं को नजरअंदाज किए बिना समाधान निकालें। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके जंगल, जमीन और जलस्रोत सुरक्षित नहीं होंगे, वे किसी भी जनसुनवाई को स्वीकार नहीं करेंगे।
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