CRPF Spy Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सहायक उपनिरीक्षक मोती राम जाट को जासूसी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि यह जवान अक्टूबर 2023 से पाकिस्तान के लिए गुप्त जानकारियां लीक कर रहा था। खास बात यह है कि मोती राम जाट का तबादला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से महज छह दिन पहले हुआ था, जिसके चलते इस घटना के पीछे उसकी भूमिका पर सवाल उठे हैं।
मोती राम जाट पर लगे आरोप- CRPF Spy Case
CRPF की 116वीं बटालियन में तैनात मोती राम जाट पर आरोप है कि उसने भारतीय सुरक्षाबलों की संचालन योजनाएं, सुरक्षाबलों के मूवमेंट पैटर्न और महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों के लोकेशन जैसी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को लीक कीं। NIA के अधिकारियों का मानना है कि इससे देश की सुरक्षा को भारी खतरा पैदा हुआ है। ऐसे कड़े सबूत मिलने के बाद उसे 6 जून तक हिरासत में रखा गया है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
पहलगाम हमले से संभावित कनेक्शन
22 अप्रैल 2023 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। NIA को शक है कि मोती राम जाट द्वारा साझा की गई सूचनाओं का इस हमले में इस्तेमाल किया गया हो सकता है। फिलहाल इस कड़ी में अन्य संभावित साजिशकर्ताओं की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
जांच एजेंसी की कार्रवाई
दिल्ली में मोती राम जाट को गिरफ्तार करने के बाद उसे CRPF से बर्खास्त कर दिया गया है। जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह अकेला था या किसी बड़े जासूसी रैकेट का हिस्सा है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मोती राम जाट पाकिस्तानी अधिकारियों से पैसों का लेन-देन कर रहा था, जिसके लिए वह विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करता था।
पहलगाम हमले के बाद जासूसों की गिरफ्तारी
पहलागम हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में 12 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारियां पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हुई हैं। NIA ने इस पूरे मामले को लेकर विशेष जांच शुरू कर रखी है और पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में जुटी है।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
इस मामले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवाद के इस युग में सुरक्षा बलों के भीतर जासूस होना बड़ी चुनौती है। इसलिए तैनाती से पहले कड़ी जांच-परख होनी चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।