Dehradun Cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचा दी। तेज बारिश, बादल फटने और पहाड़ी मलबे की चपेट में आकर अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों मकान, दुकानें और होटल मलबे में दब चुके हैं। कई पुल और सड़कें टूट चुकी हैं, जिससे कई इलाके पूरी तरह कट गए हैं।
सोमवार की रात बनी कहर की रात– Dehradun Cloudburst
सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात देहरादून की घाटी में जो हुआ, उसे लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे। सहस्रधारा और कार्लीगाड़ जैसे इलाकों में शाम को हल्की फुहारों से शुरुआत हुई, लेकिन रात 12 बजे के आसपास आसमान अचानक दहाड़ उठा और बादल फट पड़ा। तेज गड़गड़ाहट के साथ बारिश और मलबे का सैलाब पहाड़ों से नीचे बस्तियों की ओर दौड़ पड़ा।
लोगों की नींद धमाकों से टूटी और जब तक कुछ समझ पाते, घरों में पानी और कीचड़ घुस चुका था। लोग बच्चों और बुजुर्गों को संभालते हुए अंधेरे में जान बचाने के लिए दौड़ पड़े। चीख-पुकार के बीच कई लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में कामयाब हुए, लेकिन कुछ इस मंजर में हमेशा के लिए खो गए।
बाढ़ में बहे मजदूर, बहा पंचायत भवन
देहरादून के पास खनन कार्य में लगे 15 मजदूर ट्रैक्टर ट्रॉली समेत मोठ नदी में बह गए। शाम तक इनमें से 8 के शव बरामद कर लिए गए, जबकि बाकी की तलाश जारी है। उधर, सुबह चार बजे एक बार फिर भारी बारिश हुई और मंझाड़ा गांव में पंचायत भवन मलबे की चपेट में आ गया। वहां मौजूद चार लोग बह गए, जिनमें से सिर्फ एक को जिंदा बचाया जा सका।
संपत्तियों का भारी नुकसान, सड़कें ठप
कार्लीगाड़ में 6-7 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं और चार अन्य घर आंशिक रूप से टूट चुके हैं। जल संस्थान का वाटर टैंक, दो पुल और सड़कें बह गईं। सहस्रधारा क्षेत्र में 25 से 30 दुकानों के साथ कई होटल और रिजॉर्ट तबाह हो गए हैं। एक रिजॉर्ट की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। देहरादून से मसूरी जाने वाला मुख्य मार्ग भी कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गया है।
मवेशियों और फसलों का भी भारी नुकसान
गांवों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कई मवेशी मलबे में दबकर मर चुके हैं। कार्लीगाड़ गांव के 45 परिवारों में से अधिकतर को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। चामासारी स्कूल को अस्थायी राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है।
प्रशासन की रेस्क्यू कार्रवाई जारी
जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने राहत शिविर में रह रहे परिवारों को आश्वासन दिया है कि अगर वे किराए पर किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होना चाहें, तो तीन महीने तक हर परिवार को ₹4000 किराया सहायता दी जाएगी।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। अब तक करीब 70 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।
अब भी बना है खतरा, बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने देहरादून और आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।