Delhi Attack Conspiracy: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुआ भीषण बम ब्लास्ट अब एक बड़े आतंकी हमले की शक्ल लेता जा रहा है। शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे सुरक्षा एजेंसियां और भी चौकस हो गई हैं। इस हमले का तार फरीदाबाद, कश्मीर और लखनऊ से जुड़े एक जटिल आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। घटनास्थल से मिली जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और इस हमले को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं।
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जांच की दिशा: फरीदाबाद, कश्मीर और लखनऊ कनेक्शन- Delhi Attack Conspiracy
हमले के बाद, जांच एजेंसियों की कड़ी नजर फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पर थी। जब फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर से कुछ संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी हुई, तब इस पूरे नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुलनी शुरू हो गईं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में एक बड़ा विस्फोटक जखीरा बरामद हुआ। इसके बाद, जांच के दौरान डॉ. शाहीन शाहिद, जो लखनऊ की रहने वाली हैं, की भी गिरफ्तारी हुई, और अंत में, डॉ. उमर मोहम्मद नामक संदिग्ध आतंकी की तलाश शुरू हुई।
मुजम्मिल की गिरफ्तारी से खुला बड़ा जाल
डॉ. मुजम्मिल शकील पुलवामा के निवासी हैं और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर डॉक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में उनकी गिरफ्तारी हुई। पूछताछ में मुजम्मिल ने कई अहम राज़ खोले। उसकी निशानदेही पर, पुलिस ने धौज इलाके में एक किराए के कमरे पर छापा मारा और वहां से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 20 टाइमर, और 20 बैटरियां बरामद कीं। यह सामान पिछले पंद्रह दिनों में मुजम्मिल तक पहुंचा था। पुलिस का अनुमान है कि इसे किसी बड़े विस्फोट के लिए इकट्ठा किया गया था।
मुजम्मिल का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद से था, और इस संदिग्ध के फोन और लैपटॉप से कई एन्क्रिप्टेड संदेश मिले, जो आतंकवादियों से उसके संपर्क की पुष्टि करते हैं।
जैश-ए-मोहम्मद और लखनऊ कनेक्शन
इसके बाद डॉ. शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी हुई। शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली हैं और उन्हें पुलिस ने उसी स्विफ्ट कार से गिरफ्तार किया, जिसमें राइफल, पिस्टल, और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। यह कार उसी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जब्त की गई थी, जहां मुजम्मिल भी काम करता था। शाहीन और मुजम्मिल का आपस में गहरा संपर्क था, और वह अक्सर एक साथ देखे जाते थे।
तलाशी के दौरान कार से बरामद क्रिंकोब असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, और 83 राउंड कारतूस इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये दोनों एक बड़े आतंकी हमले की साजिश में शामिल थे। पुलिस ने शाहीन से पूछताछ के दौरान कई और संदिग्ध नाम और फोन नंबर प्राप्त किए, जिनके जरिए यह कनेक्शन दिल्ली, लखनऊ और श्रीनगर तक फैला हुआ था।
डॉ. आदिल और भारी मात्रा में हथियार
इस मामले में एक और अहम कड़ी डॉ. आदिल अहमद राथर की गिरफ्तारी रही। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं और आदिल की निशानदेही पर, पुलिस ने घाटी में AK-47 राइफल, भारी मात्रा में गोला-बारूद और आरडीएक्स बरामद किया। आदिल के लॉकर से बरामद सामग्री और फरीदाबाद में हाल ही में पकड़ी गई सामग्री के बीच तकनीकी समानता पाई गई, जिससे यह साबित होता है कि आदिल, मुजम्मिल और उमर मोहम्मद एक ही आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे।
डॉ. उमर की तलाश और धमाके की गूंज
जब तक पुलिस डॉ. उमर मोहम्मद की तलाश में जुटी थी, उससे पहले ही दिल्ली में लाल किला के पास धमाका हो गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि पास की इमारतों की खिड़कियां चटक गईं और कई गाड़ियों में आग लग गई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धमाके के बाद की एक सीसीटीवी तस्वीर जारी की है, जिसमें संदिग्ध i20 कार लाल किला के पास देखा गया।
यह कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी और इसका नंबर था HR 26 7624। पुलिस ने इसकी जांच के बाद कार के मालिक मोहम्मद सलमान को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि सलमान ने यह कार पहले तारिक नामक व्यक्ति को बेची थी, और फिर तारिक ने इसे उमर मोहम्मद को सौंप दिया।
सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त ऑपरेशन
दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा एटीएस और यूपी पुलिस मिलकर इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं। इन एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर और हॉस्टल में सघन तलाशी अभियान चलाया, जहां से कई कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव और दस्तावेज़ जब्त किए गए हैं। पुलिस को शक है कि इस आतंकी मॉड्यूल के विदेशी हैंडलर्स के साथ संपर्क थे और दिल्ली में हुआ धमाका उसी योजना का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य राजधानी में भय और अस्थिरता फैलाना था।
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