Delhi Blast: दिल्ली में सोमवार (10 नवंबर) को लाल किले के पास हुआ कार विस्फोट अब औपचारिक रूप से एक आतंकवादी घटना घोषित कर दिया गया है। बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस हमले को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया। सरकार ने कहा कि यह घटना “राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दिया गया एक जघन्य आतंकवादी कृत्य” है।
बैठक की शुरुआत दो मिनट के मौन से हुई, जिसमें मंत्रियों ने धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। कैबिनेट ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने वाला यह कृत्य न सिर्फ कायरतापूर्ण है बल्कि देश की शांति और एकता पर हमला भी है।
कैबिनेट का संदेश – आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस- Delhi Blast
सरकार ने आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति अपनी ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी दोहराई और भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया, “भारत आतंकवाद की किसी भी अभिव्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगा। जो भी इस हमले के पीछे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
कैबिनेट ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच सबसे तेज़ और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि अपराधियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की पहचान कर जल्द न्याय के दायरे में लाया जा सके। बैठक में यह भी कहा गया कि सरकार इस घटना पर “उच्चतम स्तर” से लगातार नज़र रख रही है।
अभी तक नहीं मिली किसी संगठन की आधिकारिक पुष्टि
हालांकि, अभी तक किसी भी जांच एजेंसी या मंत्रालय ने किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिया है। 48 घंटे से अधिक बीत जाने के बावजूद यह स्पष्ट नहीं है कि धमाके के पीछे कौन था या इसका मकसद क्या था।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को लेकर पहले ही यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया था, जिसके बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच अपने हाथों में ले ली है। सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या इसका कोई संबंध हाल ही में फरीदाबाद में पकड़े गए उस आतंकी मॉड्यूल से है, जिसकी जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी। हालांकि, अब तक दोनों मामलों के बीच कोई आधिकारिक लिंक सामने नहीं आया है।
देश में हाई अलर्ट, 13 की मौत से सन्न दिल्ली
10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए इस धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था। विस्फोट में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल अस्पतालों में इलाजरत हैं। घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों की पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जांच एजेंसियां इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं और धमाके की प्रकृति को समझने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
कैबिनेट ने अधिकारियों की सराहना की, अंतरराष्ट्रीय समर्थन का ज़िक्र
प्रस्ताव में कैबिनेट ने उन सुरक्षा बलों, अधिकारियों और नागरिकों की सराहना की जिन्होंने मुश्किल हालात में साहस और संवेदनशीलता के साथ काम किया। साथ ही, सरकार ने दुनिया के कई देशों की ओर से मिले समर्थन और एकजुटता के संदेशों का भी आभार जताया।
कैबिनेट ने अपने प्रस्ताव के अंत में कहा, “सरकार हर भारतीय की सुरक्षा और कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आतंकवादियों को उनके मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।”
और पढ़ें: Delhi Car Blast News: सफेद नमक या खतरनाक बम? फरीदाबाद से दिल्ली तक अमोनियम नाइट्रेट की कहानी
