Delhi Blasts Mystery: दिल्ली में सोमवार को हुए धमाके ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। राजधानी के बीचोंबीच हुए इस विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हैं, और अब इस केस की दिशा फरीदाबाद की अल फलह यूनिवर्सिटी की ओर मुड़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 का कमरा नंबर 13 इस पूरी साजिश का केंद्र था यानी वही जगह जहां से दिल्ली ब्लास्ट की पूरी योजना तैयार की गई थी। जांच एजेंसियों को इस कमरे से कई अहम सबूत मिले हैं, जिनसे यह शक अब लगभग पक्के सबूत में बदलता जा रहा है।
डॉ. शाहीन अंसारी बनीं जांच का सबसे बड़ा चेहरा- Delhi Blasts Mystery
इस केस की सबसे अहम कड़ी डॉ. शाहीन अंसारी हैं, जिन्हें फरीदाबाद से विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया है। शाहीन की गिरफ्तारी ने जांच एजेंसियों को हैरान कर दिया क्योंकि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और वह एक शिक्षित महिला थीं। शुरुआत में शाहीन ने पूछताछ के दौरान कुछ भी नहीं कहा, लेकिन अब ATS की सख्त पूछताछ के बाद कई परतें खुलने लगी हैं।
परिवार से टूटा था रिश्ता
शाहीन के पिता सईद अंसारी, जो वन विभाग से रिटायर हो चुके हैं, ने बताया कि उनकी बेटी का पिछले डेढ़ साल से घर से कोई संपर्क नहीं था। उन्होंने कहा, “शाहीन बहुत सीधी और पढ़ाई में तेज थी। वह कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी, लेकिन 2013 में अचानक नौकरी छोड़ दी।”
इसके बाद शाहीन ने महाराष्ट्र के जफर हयात से शादी की थी, लेकिन दो साल बाद तलाक हो गया। इसी के बाद वह परिवार से पूरी तरह अलग हो गई और धीरे-धीरे सबके संपर्क से बाहर चली गईं।
यूनिवर्सिटी और डॉ. मुजम्मिल का कनेक्शन
नौकरी छोड़ने के बाद शाहीन फरीदाबाद में बस गईं, जहां उनकी मुलाकात डॉ. मुजम्मिल से हुई। जांच एजेंसियों के अनुसार, शाहीन को अल फलह यूनिवर्सिटी से जोड़ने वाला व्यक्ति यही मुजम्मिल था।
यहीं से शाहीन का संपर्क एक संदिग्ध नेटवर्क से हुआ, जिसने उन्हें कट्टरपंथ की राह पर धकेला। पुलिस ने यूनिवर्सिटी के कमरे से डिजिटल डेटा, सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज जब्त किए हैं, जो यह साबित करते हैं कि ब्लास्ट की पूरी योजना इसी कमरे में तैयार की गई थी।
शाहीन के भाई परवेज पर भी जांच एजेंसियों की नजर
शाहीन की गिरफ्तारी के बाद ATS ने उनके भाई परवेज अंसारी के लखनऊ स्थित घर पर भी छापा मारा। टीम ने घर का ताला तोड़कर तलाशी ली और लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क जैसे डिजिटल उपकरण बरामद किए।
जांच में यह भी सामने आया कि परवेज ने हाल ही में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से सीनियर रेजिडेंट के पद से “व्यक्तिगत कारणों” का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था। एजेंसियों को शक है कि परवेज और शाहीन लगातार संपर्क में थे और किसी साझा योजना पर काम कर रहे थे।
AK-47 और मुजम्मिल का खुलासा
पूरी साजिश में एक और नाम तेजी से उभर रहा है — डॉ. मुजम्मिल। उसकी कार से पुलिस ने AK-47 राइफल बरामद की, जिसके बाद उसने पूछताछ में शाहीन का नाम लिया। शाहीन के डिजिटल रिकॉर्ड से एजेंसियों को कुछ संदिग्ध ईमेल और विदेशी संपर्कों के सबूत भी मिले हैं।
सहारनपुर कनेक्शन
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शाहीन की कार का रजिस्ट्रेशन लखनऊ का था लेकिन नंबर प्लेट सहारनपुर की लगी थी। पूछने पर उसने गोलमोल जवाब दिए। वहीं उसके भाई परवेज के बारे में पता चला है कि वह कुछ महीने पहले सहारनपुर के चौक इलाके में एक क्लिनिक चला रहा था।
