Delhi Flood Alert: दिल्लीवालों के लिए मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। यमुना नदी ने फिर से उफान पकड़ लिया है और राजधानी के कई निचले इलाके जलमग्न होने लगे हैं। लोगों के घरों में पानी घुस चुका है, सड़कें तालाब बन चुकी हैं और हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। प्रशासन ने वक्त रहते चेतावनी तो जारी कर दी, लेकिन यमुना का मिजाज देखते हुए हालात काबू में आते नहीं दिख रहे। कहीं लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं तो कहीं नाव के सहारे आवाजाही हो रही है। डर का माहौल है, और सवाल सिर्फ इतना है – क्या इस बार दिल्ली संभल पाएगी?
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खतरे के निशान से ऊपर यमुना, पुल बंद- Delhi Flood Alert
आपको बता दें, मंगलवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर पुराने लोहे के पुल पर 205.80 मीटर तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। यानी नदी ने खतरे की रेखा को पार कर लिया है और ये सिलसिला अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा। नदी के बढ़ते पानी को देखते हुए प्रशासन ने पुराना रेलवे पुल (लोहे का पुल) 2 सितंबर की शाम 4 बजे से आम लोगों और वाहनों के लिए बंद कर दिया है। ट्रैफिक को अब हनुमान सेतु, राजा राम कोहली मार्ग और गीता कॉलोनी रोड की ओर डायवर्ट किया गया है।
TRAFFIC ADVISORY
Due to rising water levels in Yamuna, Old Iron Bridge will remain closed for traffic & public movement w.e.f. 02.09.2025, 04:00 PM till further orders.
📍 Traffic to be diverted via Hanuman Setu, Raja Ram Kohli Marg & Geeta Colony Road
📍 Avoid Old Iron Bridge… pic.twitter.com/BmXJNnumVJ— Delhi Traffic Police (@dtptraffic) September 2, 2025
यमुना बाजार में पानी-पानी, नाव चलने लगी
यमुना बाजार इलाके का हाल सबसे बुरा है। NDTV की रिपोर्टर के मुताबिक, इलाके में घुटनों तक पानी भर चुका है। कई घरों में तो सामान तक डूब गया है। लोग मजबूरी में सामान समेटकर छतों पर या पास के शेल्टरों में जा रहे हैं। वहीं कुछ गलियों में हालत ऐसी है कि नाव चलानी पड़ रही है। पानी के साथ गंदगी और कीचड़ ने बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया दौरा
हालात की गंभीरता को देखते हुए सीएम रेखा गुप्ता खुद यमुना बाजार पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, लोगों की मानें तो शेल्टरों में सुविधाएं अभी भी पूरी नहीं हैं। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि टेंट में न तख्त हैं और न ही कोई बैठने-लेटने की सही व्यवस्था।
बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी
यमुना का जलस्तर अचानक इतनी तेजी से कैसे बढ़ा, इसका सबसे बड़ा कारण हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़ा गया पानी है। हथिनीकुंड से 1.76 लाख क्यूसेक, वजीराबाद से 69,210 और ओखला से 73,619 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना उफान पर है और जलस्तर 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
2023 और उससे पहले भी ऐसे हालात
अगर बीते सालों की बात करें, तो 2023 में यमुना का जलस्तर 208 मीटर से ऊपर चला गया था, जिससे कई इलाकों में 8-8 फुट पानी भर गया था। वहीं 2010 में ये स्तर 207.11 मीटर और 2013 में 207.32 मीटर तक पहुंचा था। ये बताने के लिए काफी है कि यमुना जब रौद्र रूप में आती है, तो दिल्ली का क्या हाल होता है।
सड़क किनारे टेंट, लोगों का पलायन जारी
नदी किनारे बसे लोग अब सुरक्षित जगहों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। कई लोग जरूरी सामान समेटकर छतों या सड़क किनारे बनाए गए टेंटों में शरण ले रहे हैं। सरकार ने खाने-पीने की व्यवस्था भी की है, लेकिन हालात अभी भी बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों के लिए यह समय काफी कठिन साबित हो रहा है।
आगरा में भी यमुना का कहर
केवल दिल्ली ही नहीं, उत्तर प्रदेश के आगरा में भी यमुना नदी खतरे का निशान पार कर चुकी है। हालात ऐसे हैं कि ताजगंज का मोक्षधाम श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है। प्रशासन ने वहां भी अलर्ट जारी कर दिया है और यमुना किनारे रहने वालों को सावधानी बरतने और दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है। बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं ताकि वक्त पर मदद पहुंच सके।
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